660 मेगावाट की ईकाई को स्थापित करने के लिए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सांसद को सौपा।

RAKESH SONI

660 मेगावाट की ईकाई को स्थापित करने के लिए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सांसद को सौपा।

 

 

सारनी। सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी में 1975 के पूर्व 312॰5 मेगावाट का विधुत उत्पादन होता था। यह ईकाई अब डिसमेनटल की जा चुकी है। सारनी में भारत हेवीइलेक्ट्रिकल लिमिटेड ने 830 मेगावाट की 4 ईकाई को स्थापित किया । इन 4 ईकाईयो से 40 वर्षों से अधिक समय तक उत्पादन लिया गया। वर्तमान में 4 इकाईयां बंद है। 2013 -14 मे 250 मेगावाट की 2 ईकाईयो से उत्पादन शुरू हुआ। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने पहले दोरे मे ही घोषणा की थी , कि ईकाई 1 से 5 के डिसमेनटल के बाद 660 मेगावाट क्षमता की सुपर क्रिटिकल ईकाई का निर्माण किया जाएगा । बैतुल एवं पाथाखेडा मे 2018 में भी तवा तीन,गाँधी ग्राम कोयला खदान ओर 660 मेगावाट की ईकाई को स्थापित करने की घोषणा की थी। विद्युत मंडल कर्मचारी यूनियन के क्षेत्रीय महामंत्री अंबादास सूने ने बताया कि संगठन विगत 4 वर्षों से लगातार समय समय पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी एवं चचाई में 660 मेगावाट की ईकाई की स्थापना के लिए पत्र लिख कर सारनी मे की घोषणा का स्मरण करा रहा है जिससे उजड़ते सारनी,पाथाखेडा को बचाया जा सके। इस संबंध में बैतूल हरदा हरसूद संसदीय क्षेत्र के सांसद दुर्गादास उइके को गत दिनों पत्र सोप कर स्मरण कराया गया कि उन्होंनें भी 660 मेगावाट की नई ईकाई स्थापित करवाने के लिए पूर्ण रूप से सहयोग करने की बात कही थी,उल्लेखनीय है कि सांसद एवं आमला सारनी विधायक डाँक्टर योगेश पंडागरे के प्रयास से कलेक्टर बैतुल ने कोयला खदानों के लिए भूमि अधिग्रहण करने के आवश्यक कार्यवाही भी की है। सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी में कंपनी के पास मूलभूत सुविधाएँ पहले से ही उपलब्ध है। जिसके कारण सारनी मे 660 मेगावाट की ईकाई को स्थापित करने मे लागत में कमी आयेगी । इसी प्रकार अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई में भी 660 मेगावाट की ईकाई की स्थापना करने मे लागत में कमी होगी , क्योंकि चचाई में दक्षिण पूर्व कोल इंडिया लिमिटेड की खदाने की दूरी भी कम है , कोयला सस्ता मिलेगा तो बिजली भी सस्ती मिलेगी । अमरकंटक ताप विद्युत गृह चचाई मे 210 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है । चचाई एवं सारनी मे 660 मेगावाट की ईकाई को स्थापित करने के लिए मध्यप्रदेश शासन की ओर से प्रशासकीय स्वीकृति शीघ्र मिले । जिससे नये ताप विद्युत गृहों के निर्माण से मध्यप्रदेश पावर जनरेटिग कंपनी लिमिटेड का भविष्य सुरक्षित होगा। विधुत मंडल कर्मचारी यूनियन के क्षेत्रीय महामंत्री अंबादास सूने ने बताया कि अब प्रदेश में बिजली कटौती दिखाई दे रही है । सारनी के आस पास के एरिया में बिजली कटौती की जा रही है । सोलर इनर्जी पर पूरी तरह से आश्रित नहीं हो सकते हैं । इस मौके पर मोतीलाल कुशवाह, योगेन्द्र ठाकुर,दीपक वर्मा, लखन भारके,अमित सल्लाम एवं यूनियन की ओर से अनेक सदस्य उपस्थित थे ।

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