बाघ संरक्षण में बनी रहे मध्यप्रदेश की प्रथम स्थिति: मुख्यमंत्री श्री Shivraj Singh Chouhan

RAKESH SONI

बाघ संरक्षण में बनी रहे मध्यप्रदेश की प्रथम स्थिति: मुख्यमंत्री श्री Shivraj Singh Chouhan

वन अपराधों पर नियंत्रण के प्रयास सराहनीय

मुख्यमंत्री निवास में हुई मध्यप्रदेश राज्य वन्य प्राणी बोर्ड की बैठक

 

भोपाल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वनों और वन्य-प्राणियों के संरक्षण के लिए प्रदेश में संचालित गतिविधियाँ स्थानीय निवासियों के भी अनुकूल हैं। बाघ संरक्षण के साथ ही चीता स्थापना प्रोजेक्ट और इससे जुड़ी गतिविधियों का इसी तरह व्यवस्थित संचालन जारी रखते हुए वन अपराधों पर नियंत्रण के निरंतर प्रयास किये जाएँ। विशेष न्यायालय सागर द्वारा अंतर्राष्ट्रीय वन्य-प्राणी तस्कर गिरोह के 13 आरोपियों को सात-सात साल के कठोर कारावास और अर्थदण्ड से दंडित किया गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इसके लिए वन मंत्री और वन विभाग के अधिकारियों को बधाई दी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मुख्यमंत्री निवास में मध्यप्रदेश राज्य वन्य-प्राणी बोड की 21 वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में वन मंत्री श्री विजय शाह एवं बोर्ड के सदस्य श्री एन.एस. डुंगरियाल, श्री एरिक डी. कुन्हा, सुश्री विद्या वैंकटेश और श्री रवि सिंह उपस्थित थे।

चीता स्थापना परियोजना के लाभ बताएँ स्थानीय निवासियों को

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रदेश में तीन टाइगर रिजर्व पन्ना, सतना और बांधवगढ़ में पर्यटकों के लिए सुविधाओं के विकास, श्योपुर जिले में चीता स्थापना परियोजना के अंतर्गत जागरूकता अभियान और बफर में सफर कार्यक्रम में साइकिल टूर जैसी गतिविधियों को भी सराहनीय बताया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि एक अभियान संचालित कर चीता स्थापना परियोजना क्षेत्र में स्थानीय लोगों को परियोजना के लाभ बताए जाएँ। किस तरह स्थानीय वनवासियों और अन्य निवासियों के लिए रोजगार संभावनाएँ विकसित होंगी, इसकी जानकारी वन विभाग द्वारा दी जाए। वन मंत्री ने चीता परियोजना के संदर्भ में प्रस्तावित गाइड प्रशिक्षण-सत्र की जानकारी दी। प्रदेश के स्थापना दिवस 1 नवम्बर से संचालित सप्ताह के दौरान विभिन्न गतिविधियाँ संचालित की जायेंगी। एक दिन चीता संरक्षण से संबंधित होगा।

बाघ संरक्षण में सबसे आगे है प्रदेश

अखिल भारतीय बाघ आंकलन वर्ष 2022 की प्रदेश में शुरूआत हो रही है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में वन क्षेत्र में बाघों के परस्पर संघर्ष या अन्य कारण से बाघ मृत्यु पर नजर रखी जाए। प्रयास यह हो कि देश में मध्यप्रदेश बाघ संरक्षण के क्षेत्र में अग्रणी बना रहे। बैठक में जानकारी दी गई कि राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण और इंटरनेशनल रेंजर्स एसोसिएशन ने संजय टाइगर रिजर्व में बाघ संरक्षण के प्रयासों को पुरस्कृत किया है। वन रक्षक श्री बाबूनंदन सिंह को अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर सम्मानित किया गया। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को भी अर्थ हीरो अवार्ड प्राप्त हुआ है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सतपुड़ा वनांचल अद्भुत है। यहाँ की जैव विविधता अनोखी है। इसके प्रचार का कार्य भी निरंतर किया जाए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बोर्ड के सदस्य डॉ. ए.बी. श्रीवास्तव के सुझाव पर वन क्षेत्रों में प्राचीन पुरातात्विक धरोहर को संरक्षित करने के निर्देश दिये। सुझाव के अनुसार सतपुड़ा वन क्षेत्र में प्राचीनतम शैल चित्र और तीन स्मारक के संबंध में विशेषज्ञों के परामर्श से संरक्षण कार्य पर सहमति हुई। बैठक में राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्य के वन्य-प्राणियों के संरक्षण के साथ ही स्थानीय वनवासियों की आजीविका और रेत आपूर्ति व्यवस्था के लिए अभयारण्य के आंशिक क्षेत्र के डिनोटिफिकेशन के संबंध में चर्चा हुई। इसी तरह आरक्षित वनों को प्रस्तावित अभयारण्य के रूप में अधिसूचित करने के संबंध में स्थानीय जन-प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श के पश्चात आवश्यक निर्णय लेने पर सहमति हुई। बैठक में ग्वालियर जिले के घाटीगांव हुकना सोनचिड़िया अभयारण्य, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, सिंघौरी अभयारण्य, कान्हा टाइगर रिजर्व और बगदरा अभयारण्य में विभिन्न संचार और सड़क कार्यों के लिए आवश्यक अनुमति प्रदान करने का निर्णय लिया गया।

बैठक में बोर्ड की गत 27 मई 2021 को हुई बैठक की कार्यवाही का अनुमोदन भी किया गया। प्रमुख सचिव वन विभाग श्री अशोक वर्णवाल, प्रधान मुख्य वनसंरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री रमेश गुप्ता, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य-प्राणी) और मुख्य वन्य-प्राणी अभिरक्षक श्री आलोक कुमार, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य-प्राणी) श्री एच.एस. नेगी उपस्थित थे।

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