होलिका दहन के साथ एक एक बुराई छोड़ने का लिया संकल्प
सारणी। स्थानीय गायत्री प्रज्ञा पीठ में होलिका दहन के अवसर पर उपस्थित परिजनों ने स्वयं की एक बुराई का त्यागने का संकल्प लिया . कार्यक्रम संचालन के दौरान मुख्य प्रबंधक श्री गुलाबराव पांसे ने बताया कि हिरणकश्यप शक्ति संपन्न होते हुए भी अहंकारी था ईश्वर तथा धर्म-कर्म में आस्था नहीं रखता था अपने पुत्र प्रहलाद को भी भक्ति मार्ग से हटा कर सांसारिक बनाना चाहता था और उसके मार्ग में कई बाधाएं खड़ी करता रहा किंतु स्वयं नष्ट हो गया वर्तमान परिस्थितियों में भी यदि कोई माता पिता केवल पैसा कमाने की दृष्टि से अपनी संतानों को डॉक्टर, वकील, प्रोफेसर, शासकीय अधिकारी आदि बनाना चाहते हैं तो ऐसा करना उपयुक्त नहीं है अपने बच्चों को शिक्षा , पद एवं संपत्तिवान बनाने के साथ-साथ यह जरूरी है कि बच्चों को कर्तव्यनिष्ठ, ईमानदार, देशभक्त, समाजसेवी सरल हृदय परोपकारी और धर्म प्रेमी बनने के लिए प्रेरित करें ताकि वे भी भक्त प्रहलाद की तरह कीर्तिवान बने उन्हें प्रहलाद की तरह ईश्वर का दिव्य संरक्षण मिले और माता-पिता को भी गौरव तथा वास्तविक संतुष्टि प्राप्त हो
होलिकोत्सव में प्रज्ञा पीठ के संरक्षक श्री सी. एम. बेले, कांति गुलवासे, श्री रामराव सराटकर देवालय प्रबंधक श्रीमती प्रमिला पानसे, योगेश साहू, दीपक मलैया मीना, यमल शर्मा, करन भोपते , मार्शल आर्ट प्रशिक्षक अभिमन्यु जी तथा अन्य सभी गायत्री कार्यकर्ता परिजनों ने यज्ञ भस्म व गुलाल से तिलक लगाकर होली खेली तथा एक दूसरे को शुभकामनायें दी. गायत्री परिवार ट्रस्ट सारणी ने सभी स्थानीय नागरिकों को भी होली की शुभकामनाएं दी है तथा सद्भाव पूर्वक होली मनाने का अनुरोध किया है