साहित्य संगोष्ठी की श्रृंखला भाग – 3  राष्ट्र को परम वैभव पर ले जाना ही हमारा लक्ष्य है। डाक्टर रामवल्लभ आचार्य 

RAKESH SONI

साहित्य संगोष्ठी की श्रृंखला भाग – 3  राष्ट्र को परम वैभव पर ले जाना ही हमारा लक्ष्य है। डाक्टर रामवल्लभ आचार्य 

सारनी।संस्कार भारती मध्यभारत प्रांत के भोपाल महानगर इकाई द्वारा आयोजित ऑनलाइन साहित्य संगोष्ठी के भाग – तीन का आयोजन शनिवार 3 जुलाई को किया गया । कार्यक्रम के आरम्भ में संस्कार भारती के ध्येय गीत की प्रस्तुती रूपाली गोखले ,ग्वालियर द्वारा दी गई। इस अवसर पर विशेष अतिथि डाक्टर रामवल्लभ आचार्य ने कहा कि संस्कार भारती राष्ट्रवादी विचार धारा पर आधारित कार्य करने वाला कलाकारों का संगठन है , जो कलाकारों की उत्कृष्टता हेतु निरन्तर कार्यरत है। हमारी प्राचीन संस्कृति हजारों वर्ष पूर्व की है । आज साहित्यकारों ने कृतियों का सुंदर प्रेरणादायी चित्रण किया है ।

इसके पूर्व दयाराम वर्मा की प्रथम कृति ” सियांग के उस पार ” उपन्यास का परिचय सुमन ओबेराय ने देते हुए बताया कि लेखक ने अरूणाचल प्रदेश के सियांग नदी का सुंदर वर्णन किया है । प्रेमकथा पर आधारित कथा के नायक और नायिका के विशुद्ध प्रेम का चित्रण किया है , पाठक इस मूल भाव के साथ पुस्तक से जुड़ाव महसूस करता है ,साथ ही अरूणाचल प्रदेश के नैसर्गिक सौंदर्य का सुंदर विवरण किया है । द्वितीय पुस्तक का वाचन प्रेमचंद गुप्ता ने डाक्टर दयाकृष्ण विजयवर्गीय के काव्य संग्रह धूप छाही क्षण का विस्तार से वर्णन किया । कार्यक्रम की प्रस्तावना संस्कार भारती मध्य भारत प्रान्त की प्रान्तीय साहित्य विधा प्रमुख कुमकुम गुप्ता ने देते हुए बताया कि संस्कार भारती ललित कलाओं की अखिल भारतीय संस्था है । कथा और साहित्य के माध्यम से राष्ट्र भाव का जागरण करना है । वसुधैव कुटुंबकम् का संदेश देते हुए साहित्य जड चेतन का पाठ ही हमारा लक्ष्य है । कोरोना काल में भी संस्कार एवं संस्कृति का मंथन चलता रहे । इसी दृष्टि से यह आन लाइन कार्यक्रम नवोदित साहित्यकारों के लिए एक सुनहरा अवसर है ।संस्कार भारती मध्य भारत प्रांत की मंत्री संगठन अनिता करकरे ने बताया कि प्रत्येक शनिवार को संस्कार भारती द्वारा नवोदित रचनाकारों में लेखन व वक्तृत्व कला-कौशल को विकसित करने की दृष्टि से साहित्य संगोष्ठी का आयोजन किया गया है । जिसमें पुस्तक परिचय और वरिष्ठ साहित्यकारों का मार्गदर्शन प्राप्त होता है। इस अवसर पर संस्कार भारती सारनी से अंबादास सूने,उषा सक्सेना, मधुलिका श्रीवास्तव , राजेंद्र प्रसाद तिवारी, दीपक वर्मा , शुभ्रा केसरवानी, योगेश डोंगरे पूणे , नागपुर से प्रांजली , राजवीर खुराना डबरा , मनोरमा मिश्र, विपुल ओबेराय , कुन्दा जोगलेकर , सुमन यादव सहित अनेक साहित्य प्रेमी उपस्थित थे । कार्यक्रम का संचालन दुर्गा मिश्रा भोपाल द्वारा किया गया।

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