सम्राट पुरु कटोच को 2407 वीं जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि!

RAKESH SONI

सम्राट पुरु कटोच को 2407 वीं जयंती पर भावभीनी श्रद्धांजलि!

 


सारनी।आज से 2400 साल पूर्व भारतीय स्वतंत्रता के पहले महानायक क्षत्रिय राजा पुरु, जिन्होंने यूनानी आक्रमणकारी अलेक्जेंडर उर्फ सिकन्दर जिसने पूरी दुनिया के राष्ट्रों, ईरान सहित पूरे अरब को जीत लिया था। उसे अपनी तलवार की धार से महाराज पुरु ने भारत भूमि पर हराया था। ग्रीक के इतिहासकारों ने अपने राजा अलेक्ज़ेंडर उर्फ सिकन्दर को जीता हुआ प्रस्तुत किया पर,विचारणीय है कि यदि अलेक्जेंडर ने भारतीय राजा पुरु को हराया था तो फिर अलेक्जेंडर की सेना पुरु से लड़ने के बाद भारत की भूमि से भाग क्यों खड़ी हुई ? पुरु से लड़ने के बाद अलेक्जेंडर की सेना में भगदड़ क्यों मच गयी थी?
अलेक्जेंडर उर्फ सिकन्दर को घायलावस्था में अपने वतन ग्रीक (यूनान) लौटना पड़ा और रास्ते में उसकी मौत हो गई। सच्चाई यह है कि अलेक्जेंडर उर्फ सिकन्दर ने अपने जीवन की भीख पुरु से मांगी लेकिन ग्रीक के इतिहासकारों ने अपने अलेक्जेंडर को जीतता हुआ पेश कर दिया।हम भारत के लोग प्राचीनकाल से इस मामले में कमज़ोर साबित हुए है।
हॉलीवुड फिल्म अलेक्जेंडर (2008) में भी अलेक्जेंडर उर्फ सिकन्दर को भारतीय राजा पुरु से लड़ते हुए घोड़ा से गिरते हुए दिखाया गया।उस फिल्म में पुरु को अलेक्ज़ेंडर पर भारी दिखाया गया है।अमेरिकन मानते है कि सिकन्दर को क्षत्रिय राजा पुरु ने हरा दिया था, पर हम भारतीय 2400 साल से पुरु को सिकन्दर द्वारा हारे हुए योद्धा के रूप में मानते आए है।यही भारत का दुर्भाग्य रहा है।मार्क्सवादी, कम्युनिस्ट इतिहासकारों ने भारतीय राजाओं को हारने वाले के रूप में प्रस्तुत किया जिससे भारत और भारतीय राजाओं को कमज़ोर और अप्रासंगिक कहा जा सके। भला हो अमेरिकन हॉलीवुड रिसर्चरों का जिन्होंने पुरु को जीतते हुए दिखाकर सच बोल दिया।जो लोग बोलते है कि हमारे राजा अधिकतर जंग हार जाते थे उनको पुरु से लेकर बप्पा रावल का इतिहास पढ़ना चाहिए, जिन्होंने हज़ारों वर्षो तक दुनिया के हर राजा को हराया!जिन्होंने अलेक्जेंडर से अरब के आक्रांताओं तक को अरब तक खदेड़ा!पोरस की वीरता को झेलम तू ही बता दे,
यूनान का सिंकदर जब तेरे तट पै हारा…
दुनिया के लोगो सुन लो इतिहास ये हमारा..सम्राट पृथ्वीराज चौहान भी मोहम्मद गोरी से 1192 में, रात्रि के समय हथियार न उठाने के कारण गोरी द्वारा किए गए छल के कारण हार गए।
आज महाराज पुरु को उनके 2407 वें जयंती पर संस्कार भारती के सदस्यों ने उनके चरणों में विनम्र श्रद्धांजलि दी । इस मौके पर डॉ. रमा सिंह गुना , सारनी से दीपक वर्मा, मनीष चौहान, संतोष प्रजापति, अंबादास सूने, पुष्पलता बारंगे, कल्पना सोनी, प्रतिभा ठाकुर सहित अनेक सदस्य उपस्थित थे ।

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