संक्रमण की रोकथाम के उपायों की वी.सी. के माध्यम से चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग जी व लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री प्रभुराम चौधरी जी के साथ समीक्षा की।
भोपाल:-संक्रमण की रोकथाम के उपायों की वी.सी. के माध्यम से चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग जी व लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री प्रभुराम चौधरी जी के साथ समीक्षा की। ऑक्सीजन की उपलब्धता की स्थिति अब तेजी से सामान्य होती जा रही है। ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से भी निवेदन किया गया है। प्रदेश में 08 अप्रैल को जहां 130 मीट्रिक टन ऑक्सीजन उपलब्ध थी, वह अब बढ़कर आज 16 अप्रैल को 336 मीट्रिक टन हो गई है। यह 25 अप्रैल तक 565 मीट्रिक टन हो जाएगी।
रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए 50 हजार इंजेक्शन के कार्यादेश जारी किए जा चुके हैं। सनफार्मा द्वारा 20 हजार, मायलोन कम्पनी द्वारा 03 हजार इंजेक्शन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। सिप्ला, जायडस आदि से भी इंजेक्शन प्राप्त किए जाएंगे। एक लाख और इंजेक्शन की व्यवस्था की जा रही है। सरकारी और निजी अस्पतालों में बिस्तरों की कुल संख्या बढ़कर 38 हजार 626 हो गई है। प्रशासन आकदमी में 150, हमीदिया अस्पताल में 300, चिरायु में 300 और एम्स में 500 बिस्तर की व्यवस्था की जा रही है।
व्यापक टेस्टिंग व्यवस्था, 24 घंटे में टेस्ट रिपोर्ट देने, होम आयसोलेशन में रह रहे मरीजों का कमाण्ड एण्ड कंट्रोल सेंटर से डॉक्टर द्वारा टेलिमेडिसीन के माध्यम से दिन में दो बार सुपरविजन सुनिश्चित करने और मरीजों को आवश्यक रूप से मेडिकल किट उपलब्ध कराया जा रहा है। सभी बड़े शासकीय और निजी अस्पतालों में बिस्तरों की व्यवस्था और जनसामान्य को इसकी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। यह व्यवस्था सभी जिलों में भी लागू होगी। निजी अस्पतालों को अपने दूरभाष क्रमांक और उपलब्ध बिस्तरों की जानकारी प्रदर्शित करना आवश्यक होगा।
कोविड प्रभावित व्यक्तियों को इलाज के संबंध में आवश्यक मार्गदर्शन तथा अस्पतालों की जानकारी सरलता से मिले, इसके लिए आवश्यक व्यवस्था विकसित की जाएगी। जिला स्तर पर प्रभारी मंत्री इस व्यवस्था का समन्वय करेंगे। प्रदेश में संचालित 720 फीवर क्लीनिक पर लगातार टेस्टिंग प्रक्रिया जारी है। आज 49 हजार 900 टेस्ट हुए। प्रदेश के सभी जिलों में कोविड केयर सेंटर का संचालन आरंभ हो गया है। इन सेंटरों में 05 हजार 328 बेड की व्यवस्था की जा चुकी है।