विधायक धरमुसिंग सिरसाम फिल्म जंगल सत्याग्रह मे बतौर अभिनेता के रूप मे करेंगे काम
बगडोना बस्ती मे 150 से अधिक युवक-युवतियों ने आजमाया अपना हुनर दिया ऑडिशन
(सारणी)। बगडोना बस्ती मे सामुदायिक भवन मे द्वितीय ऑडिशन संपन्न किया गया,फिल्म के लेखक एवं निर्देशक प्रदीप उइके ने बताया कि मध्यभारत(गोंडवाना प्रांत) वर्तमान मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के घोड़ाडोंगरी क्षेत्र मे जन्मे सरदार गंजन सिंग कोरकू और सरदार विष्णुसिंग उइके हजारों आदिवासी के साथ मिलकर अंग्रेजो से लोहा लेकर देश के आजादी मे अमूल्य योगदान दिया,नमक सत्याग्रह के समतुल्य आदिवासी नेतृत्व ने पुरे देश मे घास पर लगे कर के विरोध मे जंगल सत्याग्रह कर अंग्रेजो को दांतो तले चने चबाने के लिए मजबूर कर दिया था, शराब दुकान लूटना,रेल्वे जलाना अनेक आंदोलन किये, इस पर जंगल सत्याग्रह फिल्म बनाया जाना है, उसके लिए ऑडिशन रखे जा रहे है,निर्देशक लेखक प्रदीप उइके ने ये भी बताया कि विधायक धरमु सिंग सिरसाम भी फिल्म मे अहम भूमिका निभाते दिखाई देंगे,150 से अधिक नागपुर, छिंदवाड़ा, होशंगाबाद, हरदा, बैतूल के कलाकारों ने हुनर पेश किया, फिल्म मे 20-25 मुख्य कलाकार दिखाएंगे अपनी भूमिका उन्ही कि तलाश मे कर रहे जगह जगह ऑडिशन, ऑडिशन मे जिले के वरिष्ठ जन विधायक धरमु सिंग सिरसाम,पूर्व जिला सदस्य श्यामू परते,जनपद अध्यक्ष आठनेर रामचरण इरपाचे,जनपद अध्यक्ष भैंसदेही संजय मावस्कर, जनपद उपाध्यक्ष घोड़ाडोंगरी मिश्री परते, डॉ राजा धुर्वे, सरवन परते,सुभास उइके, जयचंद सरियाम,इंजी. राजा धुर्वे, मुकेश धुर्वे मौजूद थे,ऑडिशन समापन पर विधायक धरमुसिंग सिरसाम ने अपने वक्तव्य मे कहाँ कि 1947 से आज प्रयन्त तक आदिवासियों के इतिहास को उजागर नहीं किया, मेरे बेटे तुल्य प्रदीप उइके ने आदिवासी क्रांतिकारियों पर फिल्म लिख इतिहास रच दिया, उन्हें फिल्म बनाने के लिए आर्थिक सहयोग किया जायेगा,श्यामू परते ने कहाँ कि गीत के माध्यम से बैतूल जिला आज भी गौरवान्वित महसूस करता है पहली बार हमारे इतिहास पर फिल्म बन रही है हमें गर्व महसूस हो रहा है सपना सच होते दिखाई दे रहा है,रामचरण इरपाचे ने वक्तव्य बताया कि हमारे क्षेत्र आठनेर के जुगरु गोंड आष्टी के रहने वाले थे, उनके मित्र गंजन, विष्णु थे और इन्होने मिलकर इतिहास रच दिया, इससे युवावो को प्रेरणा लेनी चाहिए, तन मन और धन से पूर्ण सहयोग किया जायेगा,संजय मावस्कार ने कहाँ कि कोरकू समुदाय आर्थिक पिछड़ा जरूर है मगर आज भी एकता मजबूत है, हमारे पूर्वजो ने विरासत मे ये गुण हमें दिये, मिश्री परते जी सम्बोधन करते हुये कहने लगे ये दिन देखने के लिए हम राह देख रहे थे,कोई तो समाज मे पैदा होंगा जो समाज पर फिल्म लेखन कर बनायेंगा, देर है पर अंधेर नहीं, सुभास उइके ने कलाकारों का हौशल बढ़ाते हुये कहाँ कि कोई कलाकार छोटा और बड़ा नहीं होता, सभी को लगन से काम करने कि जरूरत, इंजी. राजा धुर्वे ने थिएटर एक्टर कि कहानी बताते हुये कहाँ शुरुआत एक बंद कमरे से होती है और पहचान पुरे देश मे मिलती है, ये फिल्म आपकी किस्मत बदलकर ऊचाई पर ले जाएंगी, अंतिम मे श्यामू परते ने सभी कलाकारों को उनके उज्वल भविष्य कि शुभकामनायें दी!