विकास पुरुष विजय कुमार खण्डेलवाल रंजीत सिह
सारनी । आज 22 अप्रैल को हम सभी पुण्य स्मरण कर रहे है,उस जननायक का जिसे सम्पूर्ण बैतूल लोकसभा क्षेत्र विकास पुरुष के उपनाम से सम्मान देता है और उस विकास पुरुष को हम विजय कुमार खण्डेलवाल के नाम से जानते हैं।
1936 में बैतूल के एक प्रतिष्टित परिवार में जन्मे विजय कुमार खण्डेलवाल जी ने अपनी वकालत की शिक्षा पूर्ण कर राजनीति के क्षेत्र में कदम रखा।जिला सहकारी बैंक बैतूल के अध्यक्ष,बैतूल नगरपालिका अध्यक्ष, बैतूल भाजपा अध्यक्ष के रूप में अपनी राजनीतिक पारी की सफल शुरुआत करते हुए 1996 में कांग्रेस के तत्कालीन उम्मीदवार, पूर्व केंद्रीय मंत्री को लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त देकर अपने संसदीय पारी को प्रारम्भ किया और देवलोक गमन तक लगातार चार चुनावों में अपराजेय रहते हुए अपने विजय नाम को चरितार्थ किया।लेकिन विशेष उपलब्धि यह नही है, उपलब्धि है विकास से सर्वथा अछूते इस आदिवासी बहुल क्षेत्र में विकास की उस गंगा को बहाना जिसकी वजह से आज सभी उन्हें विकास पुरुष के रूप में जानते हैं।
एक प्रखर सांसद के रूप में उन्होंने बैतूल जिले के विकास की आवाज संसद में उठाई और क्षेत्र के लिए वह सब किया जिसकी मांग क्षेत्र की जनता वर्षों से करती आ रही थी ।सारणी क्षेत्र में बीएसएनएल एक्सचेंज की स्थापना,घोड़ाडोंगरी में रेलवे रिज़र्वेशन का कम्प्यूटरीकरण, बैतूल ,घोड़ाडोंगरी में ट्रेनों का स्टापेज ,डब्लूसीएल खदानो का शुभांरभ,आदि कई कार्य जनता की इच्छा अनुसार हुए।इन सभी कार्यो से ऊपर उन्होंने बैतूल शहर को नागपुर,भोपाल,इंदौर आदि महानगरों से सीधे जोड़ने का कार्य किया ।ओबेदुल्लागंज-नागपुर तथा बैतूल-हरदा राष्ट्रीय राजमार्ग की सौगात उन्ही के प्रयासों से जिले को मिली।इसका उल्लेख स्वंय राजनाथसिंह जी ने बैतूल में अपने एक कार्यक्रम में किया था।इन सबके अतिरिक्त जिले के विकास के कई अन्य कार्य भी विजय कुमार खण्डेलवाल जी द्वारा किये गए जो कि जनमानस के स्मृति पटल पर आज भी जीवन्त हैं।
उनकी जयंती के अवसर पर उनको शत शत नमन करते हैं।