यूनाइटेड फोरम के अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार के दबाव में कंपनियों को झुकना पड़ा।
सारनी। मध्यप्रदेश शासन ने 22 अक्तूबर को 8 % महंगाई भत्ते का भुगतान करने के आदेश जारी करने के बाद मध्यप्रदेश पावर मेनेजमेन्ट कंपनी के साथ ही किसी भी कंपनी ने 8 % मंहगाई भत्ता देने के आदेश जारी नही कर कर्मचारी अधिकारीयो को आन्दोलन करने के लिए विवश किया । प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कर्मचारीयो के हित में निर्णय लेकर 8% मंहगाई भत्ता देने की घोषणा की ।लेकिन दूसरी ओर कंपनी प्रबंधन अपनी हठधर्मीता पर अडिग रहे । इस बार यूनाइटेड फोरम भी आर पार की लड़ाई के लिए तैयार था। सभी ताप विद्युत गृह, जल विद्युत गृह ओर ओ एण्ड एम मे कार्य बहिष्कार आन्दोलन सफल बनाने के लिए कर्मचारी अधिकारी संगठित रहे ।पहले दिन पूरे प्रदेश में कंपनियों ओर सरकार के विरोध में असंतोष व्यापत रहा । एक नवम्बर की वार्ता विफल रही । दो नवम्बर को पुनः ऊर्जा सचिव संजय दुबे के साथ यूनाइटेड फोरम की ओर से वी के एस परिहार की 5 सूत्रीय मांगो पर सकारात्मक चर्चा की, उसी का परिणाम है
कि मध्यप्रदेश पावर मेनेजमेन्ट कंपनी का आदेश जारी हुआ । मध्यप्रदेश यूनाइटेड फोरम जनरेशन सारनी के प्रचार सचिव अंबादास सूने ने बताया कि फोरम कर्मचारी अधिकारीयो की मांगो को लेकर फरवरी 21 से लगातार संघर्ष कर रहा है । कंपनी के कार्मिको की उचित मांगो का समाधान करने का निवेदन कर रहा है । 5 सूत्रीय मांगो मे प्रमुख महंगाई भत्ता एवं स्थगित वेतन वृद्धि के बकाया राशि के 50 % का भुगतान अक्तूबर -21 के वेतन के साथ किया जाए।राज्य सरकार के निर्णय के अनुसार विद्युत कार्मिकों के लिए एन पी एस का प्रावधान 14 % अप्रैल-21 से तुरंत लागु किया जाए । संविदा, आउटसोर्स कर्मी यो को बोनस भुगतान,वेतन, महंगाई भत्ते का भुगतान दीपावली के पूर्व करना।मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी प्रबंधन द्वारा विधुत मंडल कर्मियों की सेवा शर्तो के विरुद्ध अवैधानिक कार्यवाही करते हुए 50% की छुट बंद करने के निर्णय को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए । इस अवसर पर अनेक कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी गेट नं 7 पर अधिकारी कर्मचारी महिला अधिकारीयो के साथ कार्यालयीन कर्मचारी भी कार्य बहिष्कार आन्दोलन मे उपस्थित रहे ।