माचना पुनर्जीवन अभियान के अन्तर्गत अंधारिया और अम्बाड़ा में ग्राम सभाएं आयोजित
माचना की सहायक नदियों का होगा गहरीकरण, बनेंगे स्टाप डेम

बैतूल। माचना पुनर्जीवन अभियान के अन्तर्गत बुधवार को माचना बेसिन के ग्राम अंधारिया और अम्बाड़ा में ग्राम सभा का आयोजन कर ग्रामीणों से वर्षा जल संरक्षण की जानकारी व ग्राम की समस्याओं के बारे में चर्चा की गई। ग्राम अंधारिया में ग्रामीणों ने स्वच्छता अभियान चलाकर स्टेडियम व तालाब किनारे साफ-सफाई की एवं पौधारोपण किया। अतिथियों ने पिछले वर्ष 22 जून को लगाये पौधों का भी निरीक्षण किया। लगभग सभी पौधे जीवित देखकर ग्रामीणों के रखरखाव की प्रशंसा की। सहायक कलेक्टर श्री अंशुमन राज एवं जिले में जल व पर्यावरण संरक्षण का कार्य कर रहे श्री मोहन नागर ने अंधारिया एवं अंबाड़ा की ग्राम सभाओं में ग्रामीणों को पुनर्जीवन अभियान की जानकारी दी गई।
अपने सम्बोधन में श्री मोहन नागर ने कहा कि इस धरती पर जैवविविधता के बिना जीवन संभव नहीं है। अगर तितली और मधुमक्खी की प्रजाति विलुप्त हो गई तो कुछ दिनों में पेड़ पौधे अन्य फल उत्पादित नहीं कर पायेंगे व भोजन का संकट उत्पन्न हो जाएगा। साथ ही मानव जाति का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। उन्होंने बताया कि अगर हम बड़ी संरचना ऊपर काम नहीं कर सकते तो हमें छोटी-छोटी संरचनाएं जैसे मेढ़ बंधान, पड़त भूमि में जल संरक्षण हेतु खंतियां, छोटे नालों का चौड़ीकरण, घर का पानी घर में, खेत का पानी खेत में जैसे छोटे बिंदुओं पर कार्य करना होगा, जिससे हम आने वाले कल के लिए जल बचा सके।
सहायक कलेक्टर श्री अंशुमन राज ने बताया कि अगर जमीन में मिट्टी की परत कम है और पत्थर अधिक मात्रा में है तब हम अधिक से अधिक पौधों को पेड़ बनाएं, जिससे उसकी जड़ें अधिक गहराई तक जाकर वर्षा के जल का रिसाव भूमि के अंदर तक कर पाने में सक्षम होंगे। ग्राम अंबाडा में उन्होंने एक छोटे नाले पर सिरपुर पैटर्न के द्वारा गहरीकरण एवं चौड़ीकरण पर ग्रामीणों को आश्वस्त किया एवं मुख्य मार्ग से गांव तक पहुंचने वाले मार्गों के रखरखाव वह सुधार के लिए संबंधित कर्मचारियों को निर्देशित किया।
पर्यावरण प्रभारी श्री अमोल पानकर ने सभी ग्रामीणों से आव्हान किया कि हम सभी मिलकर जल संरक्षण की दिशा में शासन एवं प्रशासन को सहयोग करें एवं बदले में सहयोग प्राप्त करें। बड़ी जल संरचनाओं में सहायक कलेक्टर श्री अंशुमन राज व श्री नागर द्वारा स्थलों के प्रस्ताव पर गौर कर स्टाप डेम निर्माण के बिंदुओं को गंभीरता से लेने हेतु ग्रामीणों को आश्वस्त किया।
इस अवसर पर सर्वश्री नरेंद्र गढ़ेकर, निलेश मालवीय, नर्मदा प्रसाद सोलंकी, विक्रम इथापे, अंबाडा से रेवाराम हारोड़े, लखनलाल बारपेटे, मलखान सिंह चौहान, कोमल हारोड़े, सुभाष सोलंकी, धर्मराज बरोदे, धनराज बरडे, ताराचंद सूर्यवंशी, प्रहलाद हारोड़े, दशरथ सिंह चौहान सहित ग्रामीणजन उपस्थित थे।