मनसंगी पत्रिका के चतुर्थ अंक का हुआ सफल प्रकाशन

सारनी:- मनसंगी साहित्य संगम द्वारा मासिक पत्रिकाओं का प्रकाशन कार्य निरंतर जारी है इसी कड़ी में चतुर्थ अंक का विषय “धनहीन जीवन एक अभिशाप है जिसका विमोचन दिनांक 11 दिसंबर 2021 को किया गया। जिसमें रचनाकारों ने बड़ी सरलता से धन के महत्व को बताया; साथ ही गरीबी, लाचारी,बेरोजगारी का सौंदर्य देखने मिला। संस्थापक अमन राठौर मन जी ने धन को संस्कार बताया। हर माह प्रकाशित होने वाली इस पत्रिका में सभी विषय पर लेख जैसे – बाल कहानी, आज की नारी, आधुनिक तकनीकी, शिक्षा का महत्व आदि विषयों पर लेख, कहानी, कविता को प्रेषित किया जाएगा।
मंच संस्थापक अमन राठौर मन जी मंच के लिए हर क्षेत्र में अथक कार्य कर रहे है। इन पत्रिकाओं की मुख्य बात ये है कि इस पत्रिका में नये-नये संपादकों को संपादकीय कार्य सिखाया जाता है। इस पत्रिका में काजल भार्गव जी ने अपना अमूल्य समय दिया। पत्रिका में आने रचनाकार मनीषा कौशल(भोपाल),नम्रता श्रीवास्तव(महुआ उ प्र),ममता मनीष सिन्हा(झारखंड),अनामिका संजय अग्रवाल(खरसिया छ. ग.),प्रज्ञा आंबेरकर (मुम्बई महाराष्ट्र),सूफिया सुल्ताना (झारखंड)सुरंजना पांडेय(बिहार), त्रिभूवन गौतम(उप्र), मंगल कुमार जैन(राजस्थान),रामजी त्रिवेदी ,मिस्टी बिस्वास ,जावेद अली,गुरु दयाल झरिया(खाल्हेघाटी) ,रविशंकर निषाद(छ. ग) जतीन चारण(राजस्थान),ज्ञानेश्वरी व्यास(भोपाल) नंदिनी लहेजा(रायपुर), डॉ असीम आनंद(आगरा),आरती गेहलोत(भोपाल), डॉ.जबरा राम कंडार (राजस्थान),योगिता गुप्ता(भोपाल),रमेश मालचिमणे(कर्नाटक),नेहा पांडेय (मथुरा),पाखी जैन (राजस्थान),डॉ संजू त्रिपाठी(उप्र),नेहा मिश्रा(लखनऊ),नम्रता नाग(उप्र),पथिक पंडित (गुड़गांव),आशीष द्विवेदी “साथी” (राजस्थान),नीलोफ़र फ़ारूक़ी तौसीफ़ ,डॉ अन्नपूर्णा श्रीवास्तव (बिहार),कमलजीत कुमार (बिहार)।अमन राठौर “मन”(सारनी) है। मनसंगी से जुड़ने के लिए आप गूगल पर मनसंगी सर्च कर सकते है।