भोपाल में ‘मिशन अर्थ’ कार्यक्रम के अंतर्गत गणमान्य साथियों के साथ अत्याधुनिक सेक्स सॉर्टेड सीमन उत्पादन प्रयोगशाला का शुभारंभ

RAKESH SONI

भोपाल में ‘मिशन अर्थ’ कार्यक्रम के अंतर्गत गणमान्य साथियों के साथ

अत्याधुनिक सेक्स सॉर्टेड सीमन उत्पादन प्रयोगशाला का शुभारंभ तथा गौशालाओं, चारागाह और पशु शेड एवं रु. 1,529.74 करोड़ की लागत के विद्युत उपकेन्द्रों का लोकार्पण किया। इस अवसर पर AatmaNirbharBharat अभियान के अंतर्गत कृषि अधोसंरचना कोष के विभिन्न हितग्राहियों को चेक सौंपा। हमें COVID19 काल में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का मंत्र दिया। इसमें सहयोग देने के लिए हमने निर्णय लिया कि हम AatmaNirbharMP का निर्माण करेंगे।
आप सबसे अपील है कि कोविड19 का टीका अवश्य लगवाइये। टीका लगवाने के बाद भी लापरवाह मत होइये, क्योंकि एंटीबॉडी बनने में समय लगता है। इसलिए मास्क जरूर लगायें। स्वस्थ नागरिक ही स्वस्थ एवं आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बना सकते हैं। खेती, पशुपालन, मछलीपालन, सहकारिता, उद्यानिकी और कृषि अधोसंरचना का विकास हमारा लक्ष्य है। ‘मिशन अर्थ’ का एक और आयाम है छोटे उद्योगों को बढ़ावा देना।
संगठन में शक्ति होती है। किसानों ने कोविड19 काल में भी उत्पादन कम नहीं होने दिया। हमने भी रिकॉर्ड उपार्जन किया। आज विभिन्न कृषि उत्पादों के दाम समर्थन मूल्य के ऊपर चल रहे हैं। सरकार यदि समर्थन मूल्य घोषित कर देती है तो उसके दाम स्वतः ही बढ़ जाते हैं। हमने रु. 8,900 करोड़ रुपये फसल बीमा के अंतर्गत किसानों को दिए हैं, नुकसान के पैसे अलग से दिए हैं। सस्ती बिजली देने के लिए हमने सब्सिडी की रु. 18,000 करोड़ की राशि अदा की है। आज 1,500 करोड़ रुपये के नए कार्य स्वीकृत हुए हैं। आज एक और अभिनव प्रयोग हुआ है, आज अत्याधुनिक सीमन प्रयोगशाला का शुभारंभ हुआ है जिससे पशुपालकों को लाभ मिलेगा। गौमाता कामधेनु है, इसलिए गोशालाओं का निर्माण जारी है। हमने एग्रो इंफ्रा फण्ड का बेहतर तरीके से उपयोग करने का कार्य किया है। हमारे हिस्से में करीब रु. 7,000 करोड़ का फंड आया। अगर किसी राज्य ने इसका सबसे अच्छा प्रयोग देश में किया है तो वो है मध्यप्रदेश।
आपका जीवन सुविधायुक्त और सरल बने, इसके लिए मैं और मध्यप्रदेश की पूरी टीम कटिबद्ध है। आपसे आग्रह है कि मास्क जरूर लगायें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। हम सब मिलकर चलेंगे और AatmaNirbharMP बनायेंगे पूर्व में कहा जाता था कि सब ‘गुड़ गोबर’ हो गया। आज स्थिति यह है कि गोबर गुड़ से ज़्यादा उपयोगी हो गया है।
आज मुझे गोबर से बनी हुई किताब एवं राम दरबार भेंट किया गया। मुझे विश्वास है कि ऐसे नए प्रयोग कर हम गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने में कामयाब होंगे।

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