आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम:
बैतूल में प्रारंभ हुआ जैविक हाट बाजार
जैविक खाद्य सामग्री उत्पादक किसानों के विक्रय के लिए एक स्थान पर मिला मार्केट
सांसद श्री डीडी उइके ने किया शुभारंभ
कलेक्टर ने निरीक्षण कर कहा-हाट बाजार और अधिक सुविधायुक्त बनाया जाएगा
बैतूल। जैविक खेती एवं जैविक उत्पाद करने वाले किसानों को बैतूल में अपने उत्पादों का बेहतर मार्केट उपलब्ध कराने एवं ब्रांडिंग के लिए हाट बाजार प्रारंभ किया गया है। सोमवार को छत्रपति शिवाजी ओपन ऑडिटोरियम परिसर में प्रारंभ हुए इस हाट बाजार में जैविक उत्पादक किसान एक ही स्थान पर अपनी जैविक खाद्य सामग्री बेच सकेंगे। इस बाजार से न केवल जैविक सामग्री उत्पादक किसानों को उत्पादित सामग्री का उचित मूल्य मिलेगा, बल्कि उपभोक्ताओं को भी वाजिब दाम पर एक स्थान पर जैविक खाद्य सामग्री मिल सकेगी। इस बाजार में जैविक खाद्यान्न के अलावा जैविक गुड़, जैविक मसाले, अचार, मुरब्बा इत्यादि सामग्री उचित दाम पर उपलब्ध हैं। शुरुआती दौर में यह हाट बाजार प्रत्येक सोमवार एवं मंगलवार को संचालित किया जाएगा। आवश्यकता अनुसार इसके दिन भी बढ़ाए जा सकेंगे। बाजार में स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा उत्पादित जैविक मसाले, अचार, मुरब्बा इत्यादि भी विक्रय किया जाएगा।
हाट बाजार का शुभारंभ करते हुए सांसद श्री डीडी उइके ने कहा कि जैविक उत्पादन करने वाले किसानों को जैविक हाट बाजार के रूप में एक स्थान उपलब्ध कराया गया है, जहां से वे अपने जैविक उत्पाद को उचित मूल्य पर विक्रय कर सकें एवं आमजन को जैविक उत्पाद आसानी से उपलब्ध हो सके। शुभारंभ अवसर पर विधायक आमला डॉ. योगेश पंडाग्रे, पूर्व सांसद श्री हेमंत खंडेलवाल, उप प्रधान जिला पंचायत श्री नरेश फाटे सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे। इस दौरान सांसद श्री उइके ने जैविक उत्पादक कृषकों का सम्मान भी किया।
हाट बाजार का निरीक्षण करने पहुंचे कलेक्टर श्री अमनबीर सिंह बैंस ने यहां लगाए गए प्रत्येक स्टॉल का बारीकी से निरीक्षण किया एवं जैविक उत्पादक किसानों से चर्चा कर उनको बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने पर विचार-विमर्श किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि बाजार को और अधिक सुविधायुक्त बनाने के प्रयास किए जाएंगे। कलेक्टर ने जैविक उत्पादों का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं से भी अपील की कि वे यहां विक्रय की जाने वाली सामग्री अवश्य खरीदें। इस दौरान उपस्थित कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. आरडी बारपेटे ने बताया कि जिले के जैविक खेती करने वाले किसानों को आवश्यक कृषि आदान स्थानीय कृषि विकास केन्द्र से उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। कार्यक्रम में उपसंचालक कृषि श्री केपी भगत ने बताया कि जैविक उत्पादक किसानों को इस बाजार के माध्यम से अपने उत्पाद बेचने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि उनको एक ही प्लेटफार्म पर अपनी सामग्री बेचने की सुविधा मिले एवं बाजिव कीमतें भी मिल सके।
इस दौरान सांसद श्री डीडी उइके एवं कलेक्टर श्री अमनबीर सिंह बैंस ने भी जैविक खाद्यान्न एवं अन्य सामग्री भी खरीदी।
हाट बाजार की सफलता की कहानी, जैविक उत्पादक किसानों की जुबानी
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जैविक हाटबाजार में अपने उत्पादों का विक्रय करने आईं विकासखंड भैंसदेही के ग्राम चिल्कापुर की जैविक उत्पादक किसान श्रीमती मंजूलता साहू ने बताया कि वे पिछले 17 वर्षों से जैविक खेती कर रही हैं एवं दो साल पहले मध्यप्रदेश राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्था द्वारा उनके उत्पादों को प्रमाणीकृत किया गया है। वे जैविक गेहूं, तुअर, मूंगफली, मक्का एवं सोयाबीन की खेती करती हैं। इसके साथ ही जैविक कीटनाशक, जैविक खाद का निर्माण भी करती हैं। उन्होंने बताया कि सोमवार को ही जैविक हाट बाजार में उन्हें एक क्विंटल जैविक गेहूं, 10 किग्रा तुअर दाल, 10 किग्रा चना एवं दो किग्रा जैविक मूंगफली दाने का ऑर्डर मिला है। साथ ही तीन किग्रा जैविक च्यवनप्राश विक्रय हो चुका है। उन्होंने बताया कि जिला मुख्यालय पर जैविक हाट बाजार खुलने से उन्हें अपने उत्पादों का विक्रय करने के लिए एक स्थान मिल गया है। इससे पहले उन्हें विभिन्न स्थानों पर जाकर उत्पादों का विक्रय करना पड़ता था।
जिला मुख्यालय के समीपस्थ ग्राम सोहागपुर से जैविक हाट बाजार में अपने उत्पादों का विक्रय करने आए श्री स्वदेश चौधरी ने बताया कि रासायनिक उर्वरकों के दुष्प्रभाव को देखते हुए उन्होंने दस वर्ष पूर्व जैविक खेती प्रारंभ की थी। उनके उत्पाद मध्यप्रदेश राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्था द्वारा प्रमाणीकृत हैं। उन्होंने बताया कि जैविक खेती के प्रति धीरे-धीरे जागरूकता आ रही है।
आमजन भी जैविक उत्पादों के उपयोग के प्रति जागरूक हो रहे हैं। जैविक हाट बाजार शुरू होने से उन्हें उनके जैविक उत्पादों का विक्रय करने में आसानी होगी।
विकासखंड आमला के ग्राम बोरीखुर्द के जैविक उत्पादक श्री अंगद यादव ने बताया कि उन्होंने सात साल पहले प्रायोगिक तौर पर जैविक सब्जियों का उत्पादन शुरू किया था, धीरे-धीरे बाजार में जैविक सब्जियों के साथ-साथ जैविक खाद्यान्न की भी मांग बढऩे लगी। अब उन्होंने काला गेहूं, मूंग एवं अलसी का उत्पादन प्रारंभ किया है, जिसकी उपभोक्ताओं में काफी मांग है। उन्होंने अपेक्षा की कि विकाखंड मुख्यालयों पर भी इस तरह के जैविक हाट बाजार प्रारंभ किए जाना चाहिए।