बीना रिफाइनरी के पास ग्राम चक्क (आगासोद) पहुंचकर वहां बनने वाले 1000 बिस्तरों के अस्थाई कोविड अस्पताल की प्रगति की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिया। कोरोना के खिलाफ युद्ध स्तर पर संघर्ष जारी है।
भोपाल:- राज्य शासन की दोहरी रणनीति है, जिसमें एक ओर संक्रमण को बढ़ने से रोका जा रहा है, वहीं दूसरी ओर ऑक्सीजन की आपूर्ति लगातार सुनिश्चित की जा रही है।
इस अस्थाई अस्पताल के लिए डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टॉफ, चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी आदि बाहर से आयेंगे, अत: उनके रुकने का अच्छा इंतजाम किया जाये एवं तत्काल 100 बिस्तरों का अस्पताल तैयार कर उसका प्रारंभिक परीक्षण कराया जाये। अस्पताल के पास ही लैब की जायेगी। बिजली की लाइन का सब स्टेशन तत्काल तैयार कर निर्बाध रूप से बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जायेगी।
अस्थाई अस्पताल के सैटअप तथा बीओआरएल से अस्थाई अस्पताल तक ऑक्सीजन सप्लाई के लिए डीआरडीओ से आवश्यक तकनीकी सहायता मिल रही है। साथ ही ऑक्सीजन पाइपलाइन हेतु अहमदाबाद की टीम का भी सहयोग लिया जा रहा है। अस्पताल परिसर में एक ओपीडी भी बनायी जाये, जिससे मरीज परामर्श ले सकें और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें भर्ती किया जा सके। इस अस्पताल से सागर, विदिशा, रायसेन और बुंदेलखंड के मरीज लाभान्वित होंगे।
कोविड से संघर्ष के इस दौर में जरूरत देखते हुए प्रदेश सरकार को बीना रिफाइनरी का विकल्प मिला, जहाँ ऑक्सीजन उपलब्ध है। चूँकि इसे दूसरी जगह ले जाना कठिन है अतः यहाँ अस्पताल बनाने का निर्णय किया गया। जल्द ही कोरोना पेशेंट्स का यहाँ इलाज किया जायेगा।