बच्चों को गोद देने के फर्जी मैसेज से सावधान

RAKESH SONI

बच्चों को गोद देने के फर्जी मैसेज से सावधान

बेतूल:- कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग श्री बीएल विश्नोई ने बताया कि जिले में बच्चों को गोद देने के फर्जी मैसेज इंटरनेट, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। अगर आपके पास कोई ऐसा मैसेज आ रहा है तो सावधान रहें। आपके पास कोई बेटा या बेटी गोद लेने सोशल मीडिया या अन्य किसी माध्यम से मैसेज पहुंच सकते हैं, जिससे आप मुसीबत में पडऩे के साथ ही ठगी का शिकार भी हो सकते हैं।

श्री विश्नोई ने बताया कि जिले में वर्तमान में कोविड-19 के कारण माता-पिता का निधन हो जाने से अनाथ बच्चों को गोद देने के संबंध में इंटरनेट, सोशल मीडिया पर मैसेज वायरल हो रहे हैं, जिसमें लिखा होता है कि जिस किसी सज्जन व्यक्ति की इच्छा बेटी या बेटा गोद लेने की हो, संपर्क करें। मैसेज में मोबाइल नंबर के साथ ही बच्चों की उम्र लिखी होती है एवं यह लिखा होता है कि कोविड महामारी में इन बच्चों के माता-पिता का निधन हो गया है। साथ ही मैसेज को फैलाने की बात लिखी होती है। इस मैसेज को पढऩे के बाद कोई भी व्यक्ति इसे सच्चाई जाने बगैर नेक काम समझकर मैसेज वायरल करने में जुट जाता है, लेकिन मैसेज वायरल करने वाला यह नहीं समझ पाता है कि वह भी अपराध के काम में भागीदारी कर रहा है। वायरल इन फर्जी मैसेजों को पढऩे के बाद कई नि:संतान दम्पत्ति बच्चों की चाह में फंसकर ठगी का शिकार हो सकते हैं। मैसेज के बाद जब दिये गये नंबरों पर कोई कॉल करता है तो कॉल करने वाले व्यक्ति के पास दूसरे नंबर से फोन करने का प्रयास किया जाता है, इसके बाद ठगी के प्रयास किए जाते हैं।

कानून में प्रावधान
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18 वर्ष के कम उम्र के बच्चों को केन्द्रीय दत्तकगृहण संसाधन प्राधिकरण द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से ही गोद लिया/दिया जा सकता है। 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को गोद लेने की अधिक जानकारी के लिए जिले की बाल कल्याण समिति, महिला एंव बाल विकास विभाग कार्यालय या चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर संपर्क किया जा सकता है।

बगैर कानूनी प्रक्रिया पूर्ण किये बच्चों को गोद लेना/देना अवैधानिक है। यदि कोई व्यक्ति या संगठन अवैधानिक तरीके से बच्चों को गोद लेता/देता है, तो इसमें शामिल प्रत्येक व्यक्ति को जेजे एक्ट 2015 की धारा 80 के तहत तीन वर्ष के कठोर कारावास एवं एक लाख रूपए के जुर्माने से दंडित किए जाने का सख्त प्रावधान है।

श्री विश्नोई ने कहा है कि किसी व्यक्ति को ऐसे बच्चों के बारे में पता चलता है, जिनके माता-पिता की मृत्यु कोविड या किसी अन्य कारणों के वजह से हो गई है, उन बच्चों की देखरेख करने वाला कोई नहीं है या ऐसे बच्चों को कोई अन्य व्यक्ति बगैर सक्षम अधिकारी के आदेश से रख रहा है तो ऐसे बच्चों की तत्काल सूचना अनिवार्य रूप से जिले की बाल कल्याण समिति महिला एवं बाल विकास विभाग कार्यालय, संबंधित थाने को दें। चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर 1098 पर संपर्क करे, ताकि बच्चों की उचित देखभाल और सुरक्षा प्रदान की जा सके।

बच्चों को गोद लेने/देने की प्रक्रिया कानूनी रूप से होती है। कोई नि:संतान दम्पत्ति किसी के बहकावे में न आए।

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