नक्सली हमले में शहीद जवानों को पुलिस ने दी श्रद्धाजंलि
एसडीओपी अभयराम चौधरी ने साझा किए नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पुलिसिंग के अनुभव
सारनी। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले में शहीद जवानों को सारनी पुलिस द्वारा श्रद्धाजंलि अर्पित की गई। नगर के जय स्तंभ चौक पर रात 8 बजे एसडीओपी अभयराम चौधरी, टीआई महेन्द्र सिंह चौहान की मौजूदगी में पुलिस जवानों ने दो मिनट का मौन रखा और मोमबत्ती जलाकर शहीद जवानों को श्रद्धाजंलि दी। इस मौके पर एसडीओपी अभयराम चौधरी ने नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पुलिसिंग के अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया वर्ष 1996 में बतौर छत्तीसगढ़ के दंत्तेवाड़ा जिले के थाने में बतौर एसएचओ पोस्टिंग थी। उस दौरान एसएचओ को सुरक्षा के लिए एके-47 शासन द्वारा उपलब्ध कराई जाती थी। हमारा थाना बहुत ही संवेदनशील था। दरअसल वहां नक्सल मूवमेंट आम बात थी। हमारे थाना क्षेत्र का एक किसान जो कद, काठी से अच्छा था। उसे नक्सल मूवमेंट में शामिल करने नक्सलियों ने खूब प्रयास किया। लेकिन वह शामिल नहीं हुआ। बार-बार नक्सलियों की बैठक में शामिल होने उसे बुलाया जाता रहा। लेकिन उस किसान ने हमेशा ही इनकार किया। एक रात गांव के एक व्यक्ति के साथ मिलकर चार नक्सलियों ने उसे मौत के घाट उतार दिया। गांव की दूरी थाना क्षेत्र से 25 किलोमीटर से अधिक थी। पहुंचवीहिन गांव था। जहां पर आसानी से पहुंचना मुश्किल था। उस समय ऐसे संसाधन उपलब्ध नहीं थे तत्काल मौके पर पहुंच जाए। बावजूद इसके 25 जवानों के साथ घने जंगल का सफर तय करते हुए उक्त गांव पहुंचे। मृतक की पत्नी के बयान के आधार पर उस व्यक्ति को पकड़कर बाहर लाया जो उसी गांव का था और नक्सलियों के साथ मिला था। दो दिनों की पूछताछ के बाद उसने कबूल किया और साथियों के नाम भी बताए। उसी के आधार पर शव बरामद कर प्रकरण पंजीबद्ध किया। एसडीओपी ने अनुभव साझा करते हुए बताया कि जब मप्र से छत्तीसगढ़ अलग नहीं हुआ था। तब नक्सल क्षेत्र में ड्यूटी करना बेहद मुश्किल और चुनौतीपूर्ण काम था। हर तरफ जान का खतरा रहता था। नक्सलियों का शिकार बनने से बचने के लिए कभी भी तय और पहले से बने रास्ते पर नहीं चलकर झाडिय़ों के बीच से सफर तय करते थे। एक बार फिर हमारे जाबांज सिपाही नक्सलियों के षडय़ंत्र का शिकार होकर शहीद हो गए। श्रद्धाजंलि कार्यक्रम में सतपुड़ा व्यापारी संघ के अध्यक्ष विनय मालवीय, एसआई फतेबहादुर सिंह, प्रधान आरक्षक शैलेन्द्र सिंह, आरक्षक भूपेन्द्र पटेल, दुर्गेश समेत अन्य पुलिस कर्मी शामिल थे।