दूसरों की जान बचाकर गवाई अपनी जान पत्नी और 3 बेटियों को रोता भी लगता दुनिया को छोड़ गया स्वास्थ्य विभाग का एंबुलेंस चालक आर्थिक सहायता की मांग को लेकर कलेक्टर के नाम सौंपा ज्ञापन

RAKESH SONI

दूसरों की जान बचाकर गवाई अपनी जान

पत्नी और 3 बेटियों को रोता भी लगता दुनिया को छोड़ गया स्वास्थ्य विभाग का एंबुलेंस चालक

आर्थिक सहायता की मांग को लेकर कलेक्टर के नाम सौंपा ज्ञापन

सारनी। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से डर कर जब सभी लोग घर में दुबके रहे। उसी समय अपनी जान की बिना परवाह किए दूसरों की जान बचाने रात, दिन सेवा कार्य में लगे स्वास्थ्य विभाग में अनुबंध एजेंसी की एंबुलेंस चालक चंद्रभान आहके को आखिरकार कोरोना ने अपनी गिरफ्त में ले ही लिया। कोरोना से चंद्रभान काफी संघर्ष करता रहा, लेकिन जिंदगी की जंग चंद्रभान कोरोना वायरस से हार गया। दूसरों की जान बचाने रात, दिन कोरोना

वायरस के रूप में सेवा कार्य में लगे चंद्रभान की मौत पर सभी ने दुख जताया और सहानुभूति भी प्रेषित की। लेकिन मदद में अब तक ना तो स्वास्थ्य विभाग आगे आया है और ना ही स्वास्थ्य विभाग से अनुबंधित एजेंसी वेदांत ट्रैवल्स के संचालक आगे आए। इतना ही नहीं, शासन प्रशासन से भी आहके परिवार को किसी भी तरह की कोई भी आर्थिक सहायता नहीं मिली। इसी को लेकर ठेका मजदूर संघ और समग्र आदिवासी गोंडी धर्म संस्कृति द्वारा कलेक्टर के नाम पत्र सारनी टीआई को ज्ञापन सौंपकर चंद्रभान आहके के परिवार को आर्थिक मदद दिलाने की मांग की गई है। सुनील सारियाम, दिनेश यादव, राकेश नामदेव ने बताया चंद्रभान कोविड-19 मरीजों के अलावा जिला अस्पताल में लिए जाने वाले कोरोना के सैंपल टेस्ट के लिए भोपाल ले जाया करता था। इसी दौरान कोरोना जकी चपेट में आ गया और 27 अप्रैल 2021 को चंद्रभान की मौत हो गई। तब से अभी तक परिवार को किसी भी तरह की कोई आर्थिक सहायता नहीं मिली है।

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