जीआई टैगिंग कराकर बैतूल के सागौन को अंतर्राष्ट्रीय प्रसिद्धि दी जाए
वुडन क्लस्टर स्थापना में उद्यमियों को दी जाएंगी तमाम सहूलियतें
बस्तर से मास्टर ट्रेनर बुलाकर वुडन कलाकृतियों के निर्माण का दिया जाएगा
प्रशिक्षण- प्रमुख सचिव वन श्री अशोक वर्णवाल
‘बैतूल टीक उत्पादों’ को बढ़ावा देने के लिए अधिकारियों व उद्यमियों के साथ किया गया विचार मंथन
बैतूल:- प्रदेश के वन विभाग के प्रमुख सचिव श्री अशोक वर्णवाल ने कहा कि बैतूल वनसंपदा से भरपूर है। यहां के उत्कृष्ट गुणवत्ता का सागौन पैदा होता है। जीआई टैगिंग कराकर बैतूल के सागौन को अंतर्राष्ट्रीय प्रसिद्धि दी जाए। उन्होंने कहा कि बैतूल के समीप डूडाबोरगांव में प्रस्तावित वुडन क्लस्टर की स्थापना में वुडन कार्य से जुड़े उद्यमियों को नियमानुसार तमाम सहूलियतें दी जाएंगीं। लकड़ी से कलाकृतियों बनाने की कला को और अधिक बेहतर स्वरूप देने के लिए बस्तर के मास्टर ट्रेनर को बुलाकर स्थानीय कारीगरों को प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वुडन उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर मार्केटिंग प्रदान करने के लिए ई-मार्केटिंग प्लेटफाम्र्स का सहयोग लिया जाएगा। श्री वर्णवाल गुरूवार को जिला प्रशासन एवं वन विभाग के अधिकारियों के साथ ‘बैतूल टीक उत्पादों’ को बढ़ावा देने की कार्य योजना पर विचार-मंथन कर रहे थे। बैठक में प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री ए.के. पाटिल, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (उत्पादन) श्री यशवीर सिंह चौहान, अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (उत्पादन) श्री एसपी शर्मा, मुख्य वन संरक्षक श्री आरपी राय, कलेक्टर श्री अमनबीर सिंह बैंस, सीईओ जिला पंचायत श्री अभिलाष मिश्रा सहित वन, उद्योग एवं अग्रणी बैंक के अधिकारी तथा उद्यमी मौजूद थे।
बैठक में श्री वर्णवाल ने कहा कि जिले में वुडन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए वुड उत्पादों में बेहतर गुणवत्ता एवं आधुनिकता लाना जरूरी है। इसके लिए जोधपुर वुड प्रोडक्ट क्लस्टर का भ्रमण कर वहां की टेक्नॉलॉजी शेयर की जाए। साथ ही बस्तर की काष्ठ कलाकृतियों जैसी कलाकृतियां जिले में तैयार करवाने के लिए स्थानीय आईटीआई के माध्यम से वुडन कोर्स भी प्रारंभ किए जाएं। इसके लिए बस्तर के मास्टर ट्रेनर्स को जिले में बुलाया जाए। उन्होंने कहा कि इस बात का ध्यान रखा जाना भी जरूरी होगा कि वुड प्रोडक्ट में सागौन की गुणवत्ता बहुत अच्छी हो, बाहरी लोग बैतूल को सागौन के नाम से पहचाने। ग्राम डूडाबोरगांव में प्रस्तावित वुडन क्लस्टर के संबंध में कलेक्टर श्री अमनबीर सिंह बैंस द्वारा प्रस्तुत जिले की आरामशीन को वुडन क्लस्टर में शिफ्ट करने के प्रस्ताव को श्री वर्णवाल द्वारा सहमति प्रदान की गई। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव मिलते ही शिफ्टिंग के कार्य को एक माह के अंदर अनुमति प्रदान कर दी जाएगी। श्री वर्णवाल ने कहा कि डूडाबोरगांव में प्रस्तावित वुडन क्लस्टर में ट्रांसपोर्टर्स को भी आवश्यक सहूलियतें उपलब्ध कराई जाएं। इसके अलावा बेहतर वुडन कलाकृतियां तैयार करने के लिए प्रोडक्ट डिजाइनर्स का भी सहयोग लिया जाए। वुडन उद्योग में निजी उद्यमियों को आगे लाने के लिए बैंकर्स भी आवश्यक वित्तीय सहयोग प्रदान करे।
इस अवसर पर वन मंडलाधिकारी श्री पुनीत गोयल ने बताया कि शासन की एक जिला-एक उत्पाद अंतर्गत जिले में टीक उत्पाद को भी शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार की एमएसई-सीडीपी योजना के अंतर्गत ग्राम डूडाबोरगांव में वुडन क्लस्टर निर्माण के लिए भूमि विकसित की जा रही है। वुडन क्लस्टर के लिए जिला स्तर पर वुडन उद्यमियों को आवश्यक सहूलियतें मुहैया कराने के लिए लगभग 35 करोड़ रूपए के निवेश प्रस्ताव पर सहमति दी गई है। जिससे गठित क्लस्टर के माध्यम से लोगों को सीधे रोजगार की प्राप्ति होगी एवं उत्पादित काष्ठ का अधिक से अधिक उपयोग मूल्य संवर्धन के साथ किया जा सकेगा। इसके अलावा कृषि वानिकी योजनांतर्गत जिले के लगभग 74 बड़े कृषक जिनका रकबा 25 एकड़ या इससे अधिक है, के खेतों में सागौन प्रजातियों का रोपण किया जाकर इमारती काष्ठ के उत्पादन में वृद्धि के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इससे एक निश्चित समयावधि उपरांत कृषकों की आय में वृद्धि हो सकेगी।
बैठक में जिले के उद्यमियों द्वारा भी वुडन उत्पाद से जुड़े कार्यों में आगे आने की रुचि दिखाई गई। उद्यमियों ने कहा कि वे वुडन उत्पादन से जुड़े कार्यों में आगे आने के लिए तैयार हैं। उद्यमियों ने इस कार्य में बेहतर प्रदर्शन करने का भी आश्वासन दिया।