जाल में फंसा सांप, जैवविविधता विशेषज्ञ ने बचाया।

सारनी। शुक्रवार की सुबह बैतूल जिले के सारनी शहर के एक घर में लगभग 6 फीट लंबा धामन सांप मछली पकड़ने के जाल में बुरी तरह से फंस गया था, इतने बड़े आकार के सांप को अपने आंगन में देख लोग घबरा गए थे और उन्होंने इसकी जानकारी जैवविविधता विशेषज्ञ सारनी निवासी आदिल खान को दी। जिस पर बिना समय गवाएं आदिल तुरंत ही वहां पहुंचे और पाया कि घर के आंगन में पपीते व अन्य सब्जियों के पौधों को मुर्गियों से बचाने के लिए मछली पकड़ने वाले जाल से बाउंड्री बनाई गई थी, जिसमें धामन सांप बुरी तरह से फंसा हुआ था और उसके मुंह व दांतों में भी जाल फंस चुका था, सांप ने जाल से निकलने का प्रयत्न किया था जिस वजह से सांप के शरीर में जाल बुरी तरह से कसा गया था और उसे सांस लेने में भी परेशानी हो रही थी जिस वजह से वह लगभग बेसुध हो गया था।
इसके बाद एक कैची के माध्यम से आदिल ने पहले जाल के जिस हिस्से में सांप फंसा था, उसको प्रमुख जाल से काटकर अलग कर लिया फिर सांप के शरीर को धीमे-धीमे जाल काटकर बाहर निकालना शुरू किया । जिस पर सांप थोड़ा एक्टिव हुआ और ठीक तरीके से मूवमेंट भी करने लगा, इसके बाद सबसे आखरी में आदिल ने सांप का मुंह जाल से बाहर निकाला, आदिल ने बताया कि सांप के मुंह के अंदर तक जाल फंस चुका था और उसके पूरे शरीर पर जाल कसा गया था, पहले सांप का शरीर जाल से बाहर निकाला फिर सबसे आखरी में उसका मुंह जाल से बाहर निकाला ताकि वह काटे नहीं और जाल के दूसरे हिस्से में खुद को ना फसा ले।
जैसे ही आदिल ने सांप को जाल से मुक्त कराया सांप एक्टिव हो गया और सही तरीके से मूवमेंट करने लगा, इस पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान वहां भारी भीड़ एकत्र हो गई थी जैसे ही आदिल ने सांप को जाल से सुरक्षित बाहर निकाला तो लोगों ने भी चैन की सांस ली। इसके बाद आदिल ने बारीकी से सांप की जांच की और पाया कि सांप स्वस्थ है उसे कोई गंभीर घाव नहीं हुआ है, फिर सांप को पास के ही जंगल में सुरक्षित छोड़ दिया।
वहां मौजूद लोगों को जैवविविधता विशेषज्ञ आदिल ने जानकारी देते हुए बताया कि धामन सांप विषैला नहीं होता है और ना ही इस की दुम में ज़हर होता है। यह सांप चूहे खाकर एक तरह से इंसानों की मदद करते हैं और इनका होना पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए बेहद आवश्यक है। वहीं उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि उपयोग हीन मछली के जालों को नष्ट कर दिया जाए, उन्हें ना तो बाउंड्री में लगाएं ना ही कहीं खुले क्षेत्र में छोड़े। सरीसृप, पक्षी और अन्य जानवर इन में फंस कर मर जाते हैं इसलिए हम सभी की जिम्मेदारी है कि इस तरह के जालो को सही तरीके से नष्ट किया जाए ।