गायत्री महायज्ञ में बताए जीवन की सफलता के सूत्र।
सारणी।स्थानीय गायत्री प्रज्ञा पीठ में चल रहे वार्षिकोत्सव में सोमवार देव आवाहन, पूजन के साथ नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ का शुभारंभ हुआ इसके पूर्व यज्ञ संचालन टोली प्रमुख श्री रूपलाल महाराज एवं संगीत टोली के रोशन मासतकर, हितेश सतवासे , रोहित तथा श्रीमती प्रेमलता रघुवंशी का स्थानीय गायत्री परिवार के कार्यकर्ता भाई बहनों ने तिलक लगाकर स्वागत किया. यज्ञ के दौरान श्री रूपलाल महाराज ने बताया कि सच्चा और नेक दिल इन्सान बनकर जीवन जीना अध्यात्म का मूल उद्देश्य है
सही मायनों में जीवन की वास्तविक सफलता भले और सद्भाव से भरे हुए व्यक्ति को ही मिलती है और दैनिक यज्ञ करने से सत्कर्म करने की प्रेरणा और मनोबल प्राप्त होता है यज्ञ परोपकारी तथा सदाचारी बनाता है जिससे व्यक्ति के साथ-साथ परिवार समाज व राष्ट्र सभी को लाभ मिलता है इसलिए ऋषियों ने प्रत्येक व्यक्ति के लिए जाप, ध्यान, यज्ञ आदि को दैनिक एवं आवश्यक कर्तव्य बताया है प्रत्येक व्यक्ति को ऋषियों को निर्देशानुसार साधनामय और यज्ञमय जीवन जीना चाहिए आयोजन में ट्रस्ट मंडल सदस्यों एवं गायत्री परिवार के कार्यकर्ता भाई बहनों के अलावा धर्म प्रेमी नागरिकों ने भाग लिया.