खबर का असर। सुखद खबर सतपुड़ा प्लांट में आई कोयले की रैक।
सारणी । सभी प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में 29 अप्रैल को प्रमुखता से प्रकाशित की गई थी की( संकट में आ सकता है सतपुड़ा थर्मल प्लांट) इस खबर का असर हुआ और सतपुड़ा थर्मल प्लांट की जीवनदायिनी कोयले की रैक जो कि पिछले 11 दिनों से नहीं आ रही थी वह 30 अप्रैल को सुबह लगभग 8:00 बजे आ गई और 1 मई को भी कोयले की रेक आने की संभावना है नई इकाइयों को चलाने के लिए प्रतिदिन 7 से 8 हजार मैट्रिक टन कोयले की आवश्यकता होती है अनुमान का आधा कोयला लगभग तीन हजार मैट्रिक टन कोयले का परिवहन रोड सेल से पाथाखेड़ा की खदानों और दमुआ तरफ ही कन्हान व मोहन खदानों से होता है परंतु करो ना कॉल में श्रमिकों की खदान में भी कमी बनी हुई है जिसके कारण रोड सेल से भी पर्याप्त कोयले की पूर्ति नहीं हो पा रही है ऐसे में कोयले की रैक का आना सुखद खबर है।सतपुड़ा प्लांट के सीएचपी के अधिकारियों और मुख्य अभियंता की बेहतर कार्यशैली से ही यह संभव हो पाया है सीएचपी में जहां 11 दिन से कोयले की कमी बनी हुई थी अब वहां कोयले का स्टॉक होना शुरू हो गया है।संभावना जताई जा रही है कि अब सतपुड़ा प्लांट की नई इकाइयों को फुल लोड पर चलाने के लिए भी पर्याप्त कोयला उपलब्ध है सतपुड़ा इकाइयों का सदैव बेहतर संचालन हो सके इसके लिए आवश्यकता है कि प्लांट के अधिकारी व क्षेत्र के जनप्रतिनिधि का इस ओर ध्यान आकर्षित रहे कोयले की कमी, इकाइयों का रखरखाव ,मानसून के पूर्व का मेंटेनेंस ,आयल की आपूर्ति, ऐसे महत्वपूर्ण विषय है जिनका समय पर निदान होना जरूरी होता है।
इनका कहना है__
सतपुड़ा प्लांट में जो कोयला आता है उसके बदले w c l और s c l को समय पर भुगतान किया जाना पड़ता है परंतु अभी समय पर भुगतान नहीं हो पा रहा है जिसके कारण कोयले मालगाड़ी आने में भी दिक्कतें हो रही है को रोना कॉल के कारण हमारी कंपनी में भी पैसों की कमी बनी हुई है हमारी आवश्यकता का 50% कोयला आसपास के खदानों से रोड सेल के द्वारा लाया जा रहा है।
शरद चौहान मुख्य अभियंता, सतपुड़ा थर्मल प्लांट सारणी