कोरोना काल में साबुन निर्माण बना आजीविका का आधार
कोरोना से बचाव के लिए पंचायतों में साबुन एवं हैंड वॉश उपलब्ध करा रही है जसोदा चौहान
बैतूल:- जिले के विकासखंड चिचोली के ग्राम गोण्डूमंडई की रहने वाली जसोदा चौहान ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से स्व सहायता समूह से जुडक़र साबुन निर्माण को अपनी आजीविका का आधार बनाया है। कोरोना काल में उनके द्वारा पंचायतों में साबुन एवं हैण्डवॉश की सप्लाई कर अच्छी आय अर्जित की जा रही है।
जसोदा के परिवार में कुल 05 सदस्य है । जसोदा के पति राजमिस्त्री का काम करते थे, परन्तु उनकी आमदनी से किसी तरह उनके परिवार का भरण-पोषण चल रहा था। उनको राजमिस्त्री का काम कभी मिलता था, कभी नहीं मिलता था। परिवार की आय का कोई निश्चित जरिया नहीं था। जसोदा ने परिवार के पालन-पोषण के लिये गांव में ही मजदूरी का काम करना शुरू किया लेकिन उसके बावजूद भी परेशानियां कम नहीं हुई।
वर्ष 2018 में जसोदा को आजीविका मिशन के कर्मचारियों द्वारा स्व सहायता समूह के महत्व एवं फायदों के बारे में विधिवत जानकारी दी। जिससे प्रेरित होकर जसोदा लक्ष्मी आजीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ गई। स्वयं सहायता समूह से जुड़ने के बाद जसोदा को आजीविका मिशन के माध्यम से साबुन एवं हैंड वॉश निर्माण का प्रशिक्षण प्रदाय किया गया। इसके बाद जसोदा ने अपने समूह से 30000 रूपये का ऋण लेकर साबुन निर्माण एवं हैण्डवॉश का कार्य प्रारम्भ कर दिया। उक्त कार्य से जसोदा को हर महीने 5000 से 6000 रूपये की आमदनी होने लगी। अब जसोदा एवं उनके पति की आमदनी से घर का खर्च चलने लगा।
इसी बीच कोरोना महामारी की दूसरी लहर आ जाने के कारण माह अप्रैल 2021 में समस्त जिले में जनता कर्फ्यू लगाना पड़ा। जिसके कारण जसोदा एवं उनके पति का कार्य बंद हो गया, जिससे उनके परिवार में पुन: परेशानियों का दौर शुरू हो गया। तभी शासन द्वारा कोरोना से बचाव के लिए विकासखंड की प्रत्येक पंचायत को स्वयं सहायता समूहों के द्वारा निर्मित साबुन एवं हैंडवॉश खरीदने के लिए प्रेरित किया गया।
आजीविका मिशन के माध्यम से जसोदा को भी साबुन बनाकर पंचायतों को उपलब्ध कराने का आर्डर दिया गया। अब तो जैसे जसोदा को मानो पंख लग गये हों। जसोदा ने तुरंत ही उक्त कार्य शुरू कर दिया गया। अभी तक जसोदा द्वारा जिले की विभिन्न पंचायतों में लगभग 6500 साबुन बनाकर सप्लाई कर दिया गया है। इसके अलावा जसोदा द्वारा ग्राम संगठन /संकुल स्तरीय संगठन के माध्यम से श्रमिकों एवं स्वयं सहायता समूह के परिवारों को भी साबुन की सप्लाई की जा रही है। उक्त कार्य से जसोदा को अभी तक लगभग 32500 रूपये की शुद्ध मुनाफा हो चुकी है।
इस प्रकार स्वयं सहायता समूह के माध्यम से जसोदा ने कोरोना महामारी के समय में भी अपनी आजीविका को सशक्त बनाया। जसोदा बताती है कि यदि हमें एवं हमारे परिवार को आजीविका मिशन का मार्गदर्शन एवं सहयोंग न मिला होता तो हम और हमारा परिवार कोरोना जैसी आपदा के समय में अपनी आजीविका का निर्वाह नही कर पाते।