उजड़ते नगर को बचााने आज मनाया जाएंगा अफसोस दिवस
सारनी:- सात कोयला खदान पांच बिजली की इकाई हुई बंद पचास हजार से अधिक की आबादी ने रोजगार के आभाव में चुना पलायन का रास्ता
नियामक आयोग के माफदंड के अनुसार सिंगाजी से सारनी में कम दाम में बिजली तैयार हो रही है।
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सारनी। औद्यौगिक क्षेत्र तेजी से उजड़ रहा है इसकी बानगी बीते सालों में पाथाखेड़ा क्षेत्र से बंद हुई सात कोयला खदाने और सारनी की बंद हुई पांच बिजली इकाईयों से लगाया जा सकता है। रोजगार से आभाव में पचास हजार से अधिक की आबादी नगर पालिका क्षेत्र से पलायन कर चुकी है।
पाथाखेड़ा क्षेत्र में पहले 12 हजार मेन पावर था जो 34 सौ में आकर सिमट गया है। वहीं मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी की बात करें तो यहां पहले 8 हजार कर्मचारी कार्यरथ थे वर्तमान समय 1048 में आ पहुंचा है। कोयला खदान और पावर सैक्टर क्षेत्र में रोगगार का ऐसा आभाव पैदा हो गया है ख्दि इस क्षेत्र में कोयला खदाने और बिजली की इकाईंया नहीं लगी तो यह क्षेत्र पूरा विरान हो जाएंगा।
नियामक आयोग के माफदंड और जारी हुई एमओडी के सारनी की पुरानी इकाईयों से 2 रुपये 66 पैसे और 250 मेगावाट क्षमता की 10 और 11 इकाई से 2 रुपये 30 पैसे प्रति युनिट बिजली तैयार हो रही है। जबकि सिंगाजी पावर प्लांट में की इकाइयों की कास्ट मंहगी है। बावजूद सारनी बिजली घर के साथ छलावा किया जा रहा है।
बताया जाता है कि 2000 में एक लाख 35 हजार 703 की आबादी के साथ 86 हजार मददाता थे। जो 2011 की गणना में घटकर 56 हजार होने के साथ आधी आबादी कम हो चुकी है इसका अंदाजा खंडहर हुए आवास मकानों में लटके ताले को देखकर लगाया जा सकता है।
वर्तमान समय समय क्षेत्र की गणना कराई जाए तो महज 40 हजार के आस पास मतदाता होने के संकेत मिल रहे हैं।
गौरतलब रहे कि नजड़ते नगर को बचााने पत्रकारों द्वारा आज नगर के जयस्थम चौक पर अफसोस दिवस मनाया जाएंगा। अफसोस दिवस जब सफल होगा तब क्षेत्र की जनता जनार्दन की भागीदारी होगी। आप और हमें इस माटी का कर्ज चुकाना है तो उजड़ते शहर को बचाने अफसोस दिवस मनाने का समर्थन देकर आवास बुलंद किजिए ताकि इस क्षेत्र का गौरव बचा रहे ।
गौरतलब रहे कि सारनी की 830 मेगावाट क्षमता की 4 इकाइंयों को चलाने में एनजीटी के नियम फालों नहीं होने का हवाला दिया जा रहा है,लेकिन बिरसिंहपुर की 840 मेगावाट की पुरानी 4 युनिटे भी इसी माफ दंड की है इवहां भी कुलिंग टावर और सायलों नहीं हैं बावजूद वहां की युनिटे एनजीटी के नियमों का पालन कैसे कर रही हैं । कुल मिलाकर सतपुड़ा थर्मल पावर प्लांट को डेमेज करने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। सारनी के कोयले से सिंगाजी का पावर प्लांट चलाया जा रहा है। जबकि सारनी में पर्याप्त कोयला का भंडारन होने के बावजूद लंबे समय से कोयला
के हालात बने हुए हैं।