आज मंत्रालय में प्रदेश के विभिन्न कोरोना वॉलंटियर्स के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा कर सभी के अनुभव को जाना।
भोपाल :- मैंने एक सप्ताह पहले नागरिकों से कोरोना वॉलंटियर बनने का आह्वान किया था। आज इतनी बड़ी टीम मेरे सामने बैठी है। दुनिया, देश और प्रदेश भयानक संकट के दौर से गुज़र रहा है। हमने कई संकट देखे लेकिन मौजूदा संकट गंभीर है। हमने COVID19 को नियंत्रित कर लिया था लेकिन कहीं न कहीं हम निश्चिंत हुए और इसने एक विकराल रूप पुनः धारण किया। किसी ने ऐसे संकेत की कल्पना नहीं कि थी। हम इससे निपटने के लिए त्रिस्तरीय लड़ाई लड़ रहे हैं। पहला प्रयास, अस्पताल में बिस्तर की संख्या बढ़ाना, ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करना, कोविड केयर सेंटर बनाना और दवाई की व्यवस्था करना। दूसरा प्रयास, कोरोना गाइडलाइंस को लेकर जागरुकता फैलाना, जनजागरण अभियान चलाना, वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित करना। कोरोना को रोकने के लिये हम दिन रात काम कर रहे हैं। कुछ लोग अभी भी बिना मास्क के घूम रहे हैं। हमें तय करना होगा कि हमें मास्क लगाना है या वेंटिलेटर! यह अवेयरनेस सरकारी तंत्र नहीं क्रिएट कर सकता, आप लोगों को आगे आना होगा। दो गज की दूरी बनवाएं, दुकानों के सामने गोल घेरे बनवाएं, मास्क लगाने के लिए प्रेरित करें। वैक्सीनेशन के वॉलंटियर्स की तीन श्रेणियाँ हैं। पहला, वैक्सीनेशन सेंटर में व्यवस्थाएँ देखना, दूसरा, वैक्सीनेशन प्रेरक और तीसरा वैक्सीनेशन हैल्पर। मोहल्ला-टोली कोरोना स्वयंसेवकों का कार्य महत्वपूर्ण है। मैं आज एक बड़ी जवाबदारी दे रहा हूँ। हम एक अपील करें कि जनता खुद ही अपने वॉर्ड में कर्फ्यू लगाए। तय कर लें कि संक्रमण की चेन तोड़ना है तो कोई बाहर नहीं निकलेगा। इसमें आपका सहयोग कलेक्टर, जनअभियान परिषद और प्रभारी मंत्री सहयोग तय करेंगे। मुझे लगता है कि इसे पूरी मेहनत से करना पड़ेगा। मोहल्ला-टोली कोरोना स्वयंसेवक होम क्वॉरन्टीन में भी मददगार साबित हो सकते हैं। आप फोन पर किसी समस्या के बारे में भी पूछ सकते हैं। पहला सुख निरोगी काया। सारे त्योहार घर में मनाना है। अभी मंदिर-मस्जिद जाना जरूरी नहीं है, यह आपात स्थिति है। हमारी संस्कृति में आपद्धर्म का प्रयोग बताया गया है।