आज प्रभारी मंत्रीगण और वरिष्ठ अधिकारियों सहित कोर ग्रुप के सदस्यों के साथ COVID19 नियंत्रण को लेकर समीक्षा बैठक की।
भोपाल:- कोरोना का शुरूआत में ही इलाज प्रारंभ करने से यह पूर्ण रूप से ठीक हो जाता है, परंतु विलंब घातक हो सकता है। अतः थोड़े भी लक्षण दिखे तो तुरत जांच की जाए तथा जांच के समय ही व्यक्ति को मेडिकल किट दे दी जाए, ताकि दवा प्रारंभ हो सके। घर-घर सर्वे कर मरीजों की पहचान की जाये तथा सर्दी, जुखाम, बुखार आदि लक्षण होने पर मेडिकल किट देकर इलाज प्रारंभ कर दिया जाये। “अर्ली डिटेक्शन एंड क्योर” की रणनीति पर चलते हुए हम प्रत्येक कोरोना मरीज़ को स्वस्थ कर सकते हैं।
यह राहत की बात है कि पॉजीटिव प्रकरणों की संख्या तेजी से कम हो रही है। प्रदेश में अब कोरोना के 88511 एक्टिव प्रकरण हैं। पिछले 24 घंटे में एक्टिव प्रकरणों में 2285 की कमी आई है, 12379 नये प्रकरण आये हैं, वहीं 14562 मरीज़ ठीक हुए हैं। हमारी पाजिटिविटी रेट 20.3% हो गई है तथा साप्ताहिक पाजिटिविटी रेट 22% है।
होम आइसोलेशन में उपचाररत मरीजों को दिन में कम से कम एक बार डॉक्टर आवश्यक रूप से फ़ोन करके सलाह दें। प्रदेश के सभी जिलों में लगाये जा रहे कुल 58 नए ऑक्सीजन प्लांट के कार्य को गति दी जाये। प्रदेश में ऑक्सिजन की पर्याप्त आपूर्ति निरंतर हो रही है। प्रदेश को 589 एमटी ऑक्सीजन का कोटा मिल रहा है। 30 अप्रैल को 465 मीट्रिक टन, 01 मई को 489 मीट्रिक टन ऑक्सीजन सप्लाई रही तथा 02 मई के लिए 503 मीट्रिक टन आपूर्ति का अनुमान है। MPFightsCorona