सीएम के नाम उजड़ते शहर को बचाने जय स्तम्भ चौक पर पोस्ट कार्ड लिखकर युवा मंच ने मनाया अफसोस दिवस
कोयला,पानी,जमीन,आवास वाले क्षेत्र में 660 मेगावाट की बिजली इकाई और कोयला खदान खोलने की रखी मांग
सारनी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम उजड़ते शहर को बचाने युवा मंच के तत्वधन में एक हजार से अधिक पोस्ट कार्ड लिखकर 660 मेगावाट की बिजली इकाई और कोयला खदान खोलने की मांग की है।
सुबह 11 बजे नगर के जय स्थम चौक पर आयोजित कार्यक्रम ,, उजड़ते नगर को बचाना है,, माटी का कर्ज चुकाना है, अभियान का शुभारंभ हुआ। देखते ही देखते जुड़ते शहर को बचाने जनता-जनार्दन एकत्रित होकर नगर को बचाने के लिए बिजली इकाई और कोयला खदान खुलवाने के लिए एक चिट्ठी सीएम के नाम के तहत अपना दर्द पोस्ट कार्ड में लिखे गए।
गुरुवार उक्त कार्यक्रम का आयोजन के लिए तहसीलदार अशोक डेहरिया और थाना प्रभारी को लिखित सूचना देकर। उजड़ते शहर को बचाने क्षेत्र के 36 वार्डो के लोगों को ,,31 दिसंबर 21 को जुड़ते नगर को लेकर अफसोस दिवस मनाने के लिए सहयोग की अपील की गई थी।
गौरतलब रहे कि अफसोस दिवस को सफल बनाने 1 हजार लोगों ने पोस्ट कार्ड लिखे।
सनद रहे कि पाथाखेड़ा क्षेत्र की 7 कोयला खदाने और, सारनी से 62.5 क्षमता की 5 बिजली इकाइयां को जमीजोद कर यहां 660 मेगावाट की सुपर क्रिटिकल यूनिट लगाने प्रेदेश के मुखिया द्वारा की गई थी समय बीतने के साथ घोषणा में जंग लगता जा रहा है।
गौरतलब रखे कि सतपुड़ा की 210 की 3 और 200 मेगावाट की 1 इकाई 2.66 रुपये प्रति यूनिट तो 250-250 की 2 बड़ी इकाइयां 242 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली उत्पादन कर रहीं हैं, बावजूद सरकार सतपुड़ा से महंगी बिजली बनने का हवाला देकर सारनी सतपुड़ा को बंद करने पर जोर दिया जा रहा है,वहीं सिंगाजी थर्मल पावर प्लांट की फेस 1 से से 3.23 पैसे तो फेस 2 से 2.96 पैसे की दर से बिजली तैयार हो रही है,बावजूद सरकार का जोर घाटे में चलने वाली सिंगाजी परियोजना को चलाने के लिए भारी भरकम राशि खर्च की जा रही है। लेकिन कोयला पानी जमीन होने के बाद भी सतपुडा को डैमेज कंट्रोल करने की साजिश रची जा रही है।
औद्यौगिक क्षेत्र तेजी से उजड़ रहा है इसकी बानगी बीते सालों में पाथाखेड़ा क्षेत्र से बंद हुई कोयला खदाने और सारनी की बंद हुई पांच बिजली इकाईयों से लगाया जा सकता है। रोजगार से आभाव में नगर पालिका क्षेत्र से जनत पलायन कर रही है।
पाथाखेड़ा क्षेत्र में पहले 12 हजार मेन पावर था जो 34 सौ में आकर सिमट गया है। वहीं मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी की बात करें तो यहां पहले 8 हजार कर्मचारी कार्यरथ थे वर्तमान समय 1048 में आ पहुंचा है। कोयला खदान और पावर सैक्टर क्षेत्र में रोगगार का ऐसा आभाव पैदा हो गया है क्षेत्र में कोयला खदाने और बिजली की इकाईंया नहीं लगी तो यह क्षेत्र पूरा विरान हो जाएंगा।
गौरतलब रहे कि नजड़ते नगर को बचााने पत्रकारों द्वारा शुक्रवार नगर के जयस्थम चौक पर अफसोस दिवस मनाया गया। अफसोस दिवस को सफल बनाने क्षेत्र की जनता का भरपर सहयोग मिला।
गौरतलब रहे कि सारनी से 62.5 मेगावाट की 5 और 830 की 4 बिजली इकाई हमेशा के लिए बंद कर दी गई है।
गौरतलब रहे कि सतपुडा हावर प्लांट के आसपास रोजगार की अपार संभावनाएं विधमान्य है,लेकिन जिले के जनप्रतिनिधि ऐसे मुद्दे को लोकसभा-विधानसभा में रखने की बजाए जनता को गुमराह कर रहे हैं।
गयात्री परिवार के लोगों ने वार्ड 1 में घूमकर लोगों से उजड़ते नगर को बचाने एक चिठ्ठी सीएम के नाम लिखकर यहां रोजगार के अवसर लाने बिजली इकाई और कोयला खदान खोलने की मांग केंद्र और राज्य सरकार से की है।