संस्कार भारती की ग्यारहवीं ऑनलाइन साहित्य संगोष्ठी सम्पन्न लोकगीत में जीवन की अभिव्यक्ति होती है – डॉ.महेन्द्र

RAKESH SONI

संस्कार भारती की ग्यारहवीं ऑनलाइन साहित्य संगोष्ठी सम्पन्न

लोकगीत में जीवन की अभिव्यक्ति होती है – डॉ.महेन्द्र

 

सारनी। लोकगीत में लोक जीवन की अभिव्यक्ति होती है, जिसमें लोक की परंपराएँ, धर्म-कर्म ,संस्कृति, रीति- रिवाज और मान्यताएँ सभी कुछ दिखाई देती हैं। वेदों और लोकगीतों में जो साम्य है, वह एक तो ये कि दोनों ही अपौरुषेय हैं और दूसरा यह कि दोनों प्रश्नोत्तर शैली में हैं। “इदं न मम्” ‘स्व’ का विलय वेदों का बहुत बड़ा दर्शन है; लोकगीतों में भी यही दर्शन दिखाई देता है। लोकगीत समाज के, समाज के द्वारा और समाज के लिए ही रचे गए हैं। पीढ़ी दर पीढ़ी गाये व सुनाए जाते रहे हैं ।लोकगीत सहज होते हैं डॉ सत्येंद्र ने लोकगीतों को दैवीय वाक्य कहा है ।हमारा सांस्कृतिक वैभव प्रार्थना, कहावतों, लोकोक्तियों और लोकगीतों में समाहित है। भारत वह देश है जो सदैव ज्ञान में निमग्न रहता है। यह देश भूमि मात्र नहीं है। यह नमन की भूमि है तप की भूमि है, तपश्चर्या की भूमि है। ज्ञान में रत रहने वाले ऋषि-मुनियों, संतों और गुरुजनों की भूमि है। लोकगीत श्रुति परंपरा से आते हैं। सुनी हुई विद्या, सुना हुआ ज्ञान इसका भी अपना एक महत्व रहता है।उक्त विचार डॉ.महेन्द्र ठाकुर दास ने संस्कार भारती मध्य भारत प्रांत की भोपाल महानगर इकाई द्वारा ऑनलाइन आयोजित साहित्य संगोष्ठी के 11वें भाग में मुख्य वक्ता के रूप में “लोकगीत और वेद” विषय पर व्यक्त किए। डॉ.महेन्द्र ने अपने उद्बोधन में लोकगीत, लोक-साहित्य तथा समाज पर उसके प्रभाव का विस्तार से वर्णन करते हुए कहा कि यह हमारे समाज की अमूल्य धरोहर हैं।संगोष्ठी का शुभारंभ श्रीधर आचार्य द्वारा प्रस्तुत संस्कार भारती के ध्येय गीत के साथ हुआ ।तत्पश्चात् साहित्य संगोष्ठी की संयोजिका कुमकुम गुप्ता ने संगोष्ठी की प्रस्तावना रखी। संगोष्ठी में श्रीमती रागिनी उपलपवार ने गुरु महिमा पर अपने विचार व्यक्त कर काव्य पाठ किया। पुस्तक परिचय के क्रम में डॉ.मीना गोंडे ने प्रसिद्ध साहित्यकार विजयदान देथा की कृति “बातों की बगिया ” का पाठ किया । संगोष्ठी का कुशल संचालन दुर्गा मिश्रा ने तथा युवा कवि राजेन्द्र राज, हरदा ने आभार प्रकट किया। इस अवसर पर अनीता करकरे , मोतीलाल कुशवाह , अंबादास सूने , अरूणा शर्मा,मीना गोडे ,सुनीति बैस,पुणे से योगेश डोंगरे,दिनेश चन्द्र दुबे,अतुल अधोलिया, डाली पंथी, डाक्टर रीतिका पांडेय , दुर्गा मिश्रा भोपाल सहित मध्यभारत प्रांत की विभिन्न इकाइयों से बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने सहभागिता की।

Advertisements
Advertisements
Advertisements
Advertisements
Advertisements
Advertisements
Share This Article
error: Content is protected !!