शाहपुर:पालतू पशु की निर्मम हत्या को लेकर नागरिकों से ही सबूत मांगना अनुचित व निंदनीय:विनोद मालवीय।
शाहपुर। शाहपुर में हुई पशु हत्या का मामला जन आक्रोश में बदल रहा है,गांव में सभी लोग आपस में मिलकर रहते हैं और किसी पशु या प्राणी के साथ हुई अमानवीय घटनाओं को लेकर समाज में रोष प्रकट होता है, ऐसी घटनाओं के संबंध में प्रशासन को त्वरित कार्यवाही करनी चाहिए राजनैतिक दबाव व सिस्टम के भ्रष्टाचार के कारण न तो आम जन को न्याय मिल पा रहा न ही मूक प्राणियों को जबकि संविधान के भाग “चार क” में स्पष्ट रूप से प्राणियों की सुरक्षा समाज और शासन प्रशासन का दायित्व है crpc 428/429 भी इनकी सुरक्षा के लिए प्रावधान है परंतु स्थानीय पुलिस प्रशासन की मंशा स्पष्ट नहीं बल्कि प्री प्लांड समझ आती है, नागरिकों द्वारा दिए गए ज्ञापन पर कार्यवाही करने के बजाए उनसे ही सबूत मांगना पुलिस प्रशासन की मंशा को दर्शाता है शाहपुर की घटना में वायरल वीडियो में सभी बातें स्पष्ट देखी जा सकती है और अपराध घटित हुआ है यह भी संज्ञान में पुलिस प्रशासन के है परंतु मनमानी और अपनी सुलभता अनुसार कानून का स्तेमाल करना साफ देखा जा सकता है जन चर्चा में अपराधियों के नाम सुनने में आ रहे है वीडियो में भी स्पष्ट व्यक्ति शाहपुर छेत्र का एक सरकारी कर्मचारी है और अपराध होने को कबूल करता है। पुलिस प्रशासन के ढुलमुल रवैए सटोरियों,जुआरियों व कोयला एवं रेत माफिया के प्रकरणों में देखे जा सकते है अराजकता का माहौल सामने है और प्रशासन अपने में ही मंत्र मुग्ध सा नजर आ रहा है एक राजनैतिक जनप्रतिनिधि होने के नाते में शासन से अनुरोध करूंगा ऐसे मामलो में प्रशासन को सख्त कार्यवाही व दोषी अधिकारियों को हटाने का एक्शन ले ।