मनसंगी पत्रिका के तृतीय अंक का हुआ सफल प्रकाशन।

सारणी। मनसंगी साहित्य संगम द्वारा मासिक पत्रिकाओं का प्रकाशन कार्य निरंतर जारी है इसी कड़ी में तृतीय अंक का विषय “भारतीय शिक्षा नीति- प्राचीन पद्धति या आधुनिक चाल” जिसका विमोचन दिनांक 11 नवंबर 2021 को किया गया। जिसमें प्राचीन व आधुनिक शिक्षा पद्धति को लेकर लेखकों ने अपने विचारों को व्यक्त किया। शिक्षा का क्षेत्र आने वाली पीढ़ी और विद्यार्थियों के लिए कितना महत्वपूर्ण है इस पर सभी ने अपनी भावनाओं को सहजता से प्रकट करने की चेष्टा की है। रचनाकारों ने अपनी लेखनी के माध्यम से दर्शाया है कि शिक्षा मनुष्य के लिए क्यों आवश्यक है? हर माह प्रकाशित होने वाली इस पत्रिका में सभी विषय पर लेख जैसे – बाल कहानी, आज की नारी, आधुनिक तकनीकी, शिक्षा का महत्व आदि विषयों पर लेख, कहानी, कविता को प्रेषित किया जाएगा।
मंच संस्थापक अमन राठौर मन जी मंच के लिए हर क्षेत्र में अथक कार्य कर रहे है। इन पत्रिकाओं की मुख्य बात ये है कि इस पत्रिका में नये-नये संपादकों को संपादकीय कार्य सिखाया जाता है। इस पत्रिका में काजल भार्गव जी ने अपना अमूल्य समय दिया। पत्रिका में आने रचनाकार मनीषा कौशल(भोपाल) अनिता रोहलन (नागौर),डॉ. श्वेता सिंह (पानीपत)सुधीर श्रीवास्तव(गौंडा उप्र)ओमप्रकाश श्रीवास्तव (कानपुर),अनामिका संजय अग्रवाल(खरसिया छ. ग.),प्रज्ञा आंबेरकर (मुम्बई महाराष्ट्र)संगीता सिंह (दमोह),पूनम पाठक “गौतम” (झारखंड),दीपक झा “रुद्र”(मधुबनी बिहार),सूफिया सुल्ताना (झारखंड)सुरंजना पांडेय (बिहार),सोनल ओमर (कानपूर ),अमन राठौर “मन”(सारनी) है। मनसंगी से जुड़ने के लिए आप गूगल पर मनसंगी सर्च कर सकते है।