निर्वाचित विधानसभा अध्यक्ष व जिलाध्यक्ष की अनुसंशा के बिना नही होगी विधानसभा में नियुक्तियां।
राष्ट्रीय युवा कांग्रेस ने की गाइड लाइन जारी

आमला। मप्र में युवा कांग्रेस की नियूक्तियों की उलझनों को लेकर हो रही शिकवा शिकायत को विराम देते हुए राष्ट्रीय युकां प्रभारी कृष्णा अल्वरु,राष्ट्रीय युकां अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास,प्रदेश प्रभारी इशिता सेड़ा,शेषनारायण ओझा,अंकित देड़ा एवं प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत भूरिया ने गोवा में एक बैठक कर मप्र युवा कांग्रेस में की जाने वाली नियुक्तियों को लेकर स्पष्ठ नियम तत्काल प्रभाव से लागू किए है जिसमें उन्होंने बताया है कि सभी चुनें हुए युवा नेताओं के सम्मान को देखते हुए उन्होंने संगठन को मजबूत करने के उद्देश्य से यह नियम लागू किया है,निर्वाचित विधानसभा अध्यक्ष,जिला अध्यक्ष,जिला प्रभारी,एवं क्षेत्रीय प्रदेश सचिव,महासचिव की आपसी सहमति के साथ अपने लेटर हेड पर हस्ताक्षर के साथ अगर किसी का नाम किसी पद के लिए नही दिया जाता है तब तक किसी प्रकार की कोई भी नियुक्ति नही की जाएगी। अगर कोई पदाधिकारी बगैर आपसी सहमति के नियूक्तियाँ करता है तो वह अमान्य होगी और उसे अनुशासन की अवेहलना माना जायेगा। एवं चुने हुए या मनोनीत पदाधिकारी अपने से वरिष्ठ पदाधिकारी को बगैर सूचना दिए किसी प्रकार का कार्य बार बार करते है तो वही भी अनुसाशन हिनता माना जायेगा, वही जिस जिले में जिला अध्यक्ष, विधानसभा अध्यक्ष अपने तय समयावधि में कार्य नही करते है तो उस क्षेत्र की नियुक्तियों का अधिकार युकां प्रदेशाध्यक्ष विक्रांत भूरिया जी के पास सुरक्षित होगा।
वही युवा कांग्रेस नेता व कार्यकर्ताओं को यह भी स्पष्ठ आदेश जारी किए गए है कि आपकी विधानसभा में जितने भी वरिष्ठ नेता पदाधिकारी व दावेदार हो आपको सभी का सम्मान करना है ओर युवा कांग्रेस की टीम संगठात्मक रूप से कांग्रेस के लिए मजबूती से खड़ी करना है।
और अगर जो भी युवा नेता या पदाधिकारी अनुशासन में रहकर संगठन का काम समय पर नही करता है या करना नही चाहता वह स्वेच्छा से स्तिफा दे सकता हैं नही तो युवा कांग्रेस द्वारा उसे पदमुक्त कर दिया जाएगा।
इन सभी गतिविधियों पर जिले से चुने हुए पदाधिकारी एवं जिला प्रभारियों द्वारा निगरानी रखी जायेगी एवं समय समय पर संगठन के विषय मे जानकारियां देना अनिवार्य होगा।