चुनौती में सहयोग कर रहे स्वयंसेवी संगठनों और उपचार में लगे चिकित्सकों से वर्चुअली संवाद किया :- मुख्यमंत्री

RAKESH SONI

चुनौती में सहयोग कर रहे स्वयंसेवी संगठनों और उपचार में लगे चिकित्सकों से वर्चुअली संवाद किया।

भोपाल:- कोविड चुनौती का सामना सरकार और समाज के परस्पर सहयोग से संभव है। प्रदेश में स्वयंसेवी संगठनों द्वारा कोविड केयर सेंटर स्थापित करने के लिए की जा रही व्यवस्था तथा अन्य नवाचारों के लिए हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। इससे कोविड की विकट परिस्थितियों का सामना करने में मदद मिलेगी।
चिकित्सकों और उनकी टीम ने कोविड संक्रमण का सामना हिम्मत, सेवाभाव और सहयोग से किया है। इससे लोगों का विश्वास बढ़ा है। आज श्री अरविन्दों इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस इन्दौर के डॉ. रवि दोषी, नेशनल हास्पिटल भोपाल के डॉ. पी.के. पाण्डे और मेट्रो हास्पिटल जबलपुर के डॉ. शैलेन्द्र व्यास जी सहित अनेक गणमान्य हस्तियों से बातचीत की।
इन्दौर में राधास्वामी सत्संग व्यास एवं अन्य सगठनों की पहल पर स्थापित किए जा रहे माँ आहिल्या बाई कोविड केयर सेंटर के संबंध में डॉ. एच.एस. पटेल और डॉ. निशांत खरे ने बताया कि कम समय में इस सेंटर को स्थापित करना सरकार और समाज की एकजुटता के परिणाम स्वरूप ही संभव हो पाया है। इस केन्द्र में 6,200 बिस्तर होंगे, प्रथम चरण में 600 बिस्तर की सुविधा कल से आरंभ हो रही है। बोम्बे, मेदांता, अपोलो, चौइथराम हॉस्पिटल इस केन्द्र को चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध कराएंगे। जनसहयोग से 125 ऑक्सीजन कांन्सेंट्रेटर, ऑक्सीजन प्लांट, एक्स-रे मशीन और लैब स्थापित की जा रही है।
भोपाल के सागर समूह के श्री सुधीर अग्रवाल ने बताया कि उनके समूह द्वारा इंजीनियरिंग कॉलेज में 12 एकड़ क्षेत्र में 500 बिस्तर का कोविड केयर सेंटर आरंभ किया जा रहा है। इस सेंटर में इलाज की व्यवस्था के साथ मरीजों को सकारात्मक और आशावादी बनाएं रखने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
इस चुनौती के समय प्रदेश के विभिन्न सामाजिक संगठनों और चिकित्सकों तथा नागरिकों ने स्वत:स्फूर्त भावना से जो सेवा एवं मदद की है, उसके लिए मैं हृदय की गहराइयों से आभार प्रकट करता हूं। आप सबका समर्पण और अभूतपूर्व सेवा भाव ही है, जिससे मध्यप्रदेश का आत्मविश्वास चरम पर है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि हम सब जल्द ही इस चुनौती से बाहर निकलेंगे। मैं यह चाहता हूं कि कोरोना मरीजों के परिजनों को घर बैठे ही अपने मरीज की स्थिति और इलाज के संबंध में जानकारी उपलब्ध हो जायें, ताकि वे निश्चिंत रह सकें, इसके लिए भी आवश्यक तकनीकी व्यवस्थाएं की जा रही हैं।

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