आपदाएं कभी पूर्व सूचना देकर नहीं आतीं- कलेक्टर श्री अमनबीर सिंह बैंस

RAKESH SONI

आपदाएं कभी पूर्व सूचना देकर नहीं आतीं- कलेक्टर श्री अमनबीर सिंह बैंस
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अतिवृष्टि एवं बाढ़ की स्थिति से निपटने की पूर्व तैयारियों के संंबंध में बैठक आयोजित
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संबंधित विभाग सजग रहकर अभी से करें प्रबंधन की तैयारी
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कलेक्टर श्री अमनबीर सिंह बैंस ने कहा है कि आपदाएं कभी पूर्व सूचना देकर नहीं आतीं। आगामी बरसात के मौसम के दृष्टिगत अतिवृष्टि एवं बाढ़ की स्थिति से निपटने के कार्य से जुड़े समस्त विभाग अभी से सजग रहें एवं आवश्यक पूर्व तैयारियां सुनिश्चित करें। श्री बैंस शनिवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में अतिवृष्टि एवं बाढ़ की स्थिति से निपटने की पूर्व तैयारियों के संबंध में आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती श्रद्धा जोशी, अपर कलेक्टर श्री जेपी सचान, सीईओ जिला पंचायत श्री एमएल त्यागी सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक में कलेक्टर ने कहा कि आगामी बरसात के सीजन में बाढ़ अथवा अतिवृष्टि जैसी आपदाओं से निपटने के लिए पूरी तैयारी रखी जाए। जिला मुख्यालय पर स्थापित किए जाने वाला कंट्रोल रूम राउण्ड-द-क्लॉक क्रियाशील रहे। उन्होंने कहा कि बाढ़ संभावित क्षेत्र पूर्व से ही चिन्हित कर वहां समस्त एहतियाती इंतजाम सुनिश्चित कर लिए जाएं। बाढ़ की स्थिति में लोगों को राहत पहुंचाने की रणनीति पूर्व से ही तैयार कर ली जाए। नगरीय क्षेत्रों में नदी-नालों की सफाई करवाकर यहां वर्षा के जल के सुगम निकासी की व्यवस्था की जाए, ताकि वर्षा के दौरान जल अवरोध की स्थिति न बने। निचली बसाहटों को भी चिन्हित कर वहां रहने वाले लोगों को बाढ़ अथवा अतिवृष्टि के दौरान राहत शिविरों में पहुंचाने की कार्ययोजना भी तैयार की जाए।

बैठक में उन्होंने जिला होमगार्ड विभाग को राहत उपकरण दुरुस्त रखने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि मोटर बोट इत्यादि उपकरण स्थानीय थानों में रखवाई जाए, ताकि जरूरत पडऩे पर वे प्रभावित क्षेत्रों में शीघ्रता से मुहैया कराई जा सके। उन्होंने सडक़ कार्य से जुड़े विभागों से कहा कि बरसात के दौरान सडक़ों अथवा पुल-पुलियाओं पर दुर्घटनाएं न हो, इस बात के दृष्टिगत आवश्यक संकेतक बोर्ड अनिवार्य रूप से लगाए जाएं। जहां पुल-पुलियाओं पर रैलिंग नहीं है, वहां रैलिंग लगाई जाए। जिन पुल-पुलियाओं पर बाढ़ का पानी ऊपर से निकलता है तथा दुर्घटना की आशंका रहती है वहां ड्रॉप गेट लगाए जाएं। बाढ़ की स्थिति में ग्राम पंचायत सचिव, पटवारी अथवा कोटवार आवश्यक रूप से इन पुल-पुलियाओं की निगरानी रखें तथा ऐसे स्थानों पर वाहन एवं पैदल लोगों की आवाजाही न होने दें। स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया गया कि वह चिकित्सा दल गठित कर उनको आपात परिस्थितियों में तत्काल अपनी सेवाएं देने के लिए सतर्क करें। पशु चिकित्सा विभाग भी ग्रामीण पशुपालकों को बाढ़ अथवा अतिवृष्टि की स्थिति में पशुओं की सुरक्षा एवं बीमारियों से बचाव की आवश्यक सलाह दें। साथ ही पशुओं की बीमारी से संबंधित आवश्यक टीकाकरण भी बरसात के पूर्व सुनिश्चित किया जाए। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को निर्देशित किया गया कि पहुंचविहीन क्षेत्रों में यथासमय अनाज का भंडारण सुनिश्चित किया जाए। उप संचालक कृषि को निर्देश दिए गए कि खरीफ मौसम में कृषकों को जरूरत पडऩे वाली खाद एवं बीज सामग्री भी पहुंचविहीन क्षेत्रों में पूर्व में भंडारित करवा दी जाए।

कलेक्टर ने जल संसाधन विभाग को निर्देश दिए कि बरसात अथवा अतिवृष्टि के दौरान जिले के समस्त जलाशयों/बांधों की निगरानी रखी जाए। यदि आपातकालीन परिस्थिति में निचली बस्तियां खाली कराना पड़ती है तो इसके भी समुचित इंतजाम सुनिश्चित किए जाएं। कलेक्टर ने कहा कि सरकारी इंतजामों के अलावा स्थानीय लोगों को भी बाढ़ अथवा अतिवृष्टि से बचाव के संबंध में प्रशिक्षित किया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों के अच्छे तैराकों एवं गोताखोरों की जानकारी भी संकलित की जाए।

उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे मौसम विभाग से प्राप्त होने वाली सूचनाओं से अपडेट रहें एवं समय पूर्व आवश्यक इंतजाम सुनिश्चित करें। बरसात के दौरान बिजली गिरने से होने वाली दुर्घटनाओं से बचाव की जानकारी भी ग्रामीणों के बीच प्रचार-प्रसार की जाए। लोगों को यह भी जानकारी दी जाए कि वे बरसात या अतिवृष्टि अथवा बाढ़ की स्थिति में नदी-नालों के किनारे न जाएं अथवा नदी-नालों के बीच में बने टापुओं पर न रूकें। स्कूल शिक्षा विभाग भी बच्चों को इस बात के लिए जागरूक करे कि वे बाढ़ अथवा गहरे पानी वाले स्थानों पर न जाएं एवं अतिवृष्टि से कैसे सुरक्षा करें। इसके अलावा कहीं भी क्षतिग्रस्त भवनों में स्कूल/आंगनबाड़ी संचालित न हो।

कलेक्टर ने कहा कि बाढ़ अथवा अतिवृष्टि की स्थिति में क्या उपाय अपनाना है, इस बात के लिए भी अधिकारी सजग रहें। प्रभावित लोगों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाकर राहत सामग्री उपलब्ध कराने की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए एवं उनको हुए नुकसान के राहत प्रकरण भी तत्परता से तैयार किए जाएं। बैठक में आपदा प्रबंधन से संबंधित आवश्यक सुझाव भी दिए गए। इसके अलावा समय-समय पर संबंधित कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान करने के भी निर्देश दिए गए।

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