आजीविका समूहों की महिलाएं कर रहीं ग्रामीणों को जागरूक
बैतूल:- कोविड-19 से बचाव एवं रोकथाम की दे रहीं जानकारियां
कोविड-19 व्यवहार परिवर्तन कैम्पेन
जिले में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत संचालित म.प्र. डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा कोविड-19 से सुरक्षा के लिए निरंतर गतिविधियां संचालित की जा रही है, जिससे कि कोरोना से सुरक्षा के लिए ग्रामीणजन जागरूक हो सके। इसी श्रृंखला में कोरोना कफ्र्यू के दौरान जिले के ग्रामों में गठित स्वयं सहायता समूह/ग्राम संगठन एवं संकुल स्तरीय संगठनों की दीदीयों द्वारा रोको-टोको अभियान के तहत अपने-अपने ग्रामों में ग्रामीणों से मास्क लगाने एवं सोशल डिस्टेंसिंग बनाने की अपील की जा रही है। समूहों से जुड़ी दीदीयों द्वारा ग्राम के सभी परिवारों में जाकर उन्हें मास्क लगाने एवं सामाजिक दूरी बनाये रखने के महत्व के बारे में समझाईश दी रही है।
बैतूल जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी कुल 305 महिलाओं को कोविड-19 की रोकथाम के लिए मास्टर सीआरपी के रूप में चयनित किया गया था। इन समूह की सीआरपी दीदीयों को भारत सरकार एवं राज्य शासन द्वारा ऑनलाइन वर्चुअल प्रशिक्षण प्रदाय कर प्रशिक्षित किया गया है तथा इसके पश्चात् जिला एवं विकासखंड स्तर से कोविड-19 फेस-2 के बचाव एवं रोकथाम हेतु पंचसूत्र से ग्रामीण परिवारों के सदस्यों को जागरूक किया जा रहा है। जिले के समस्त विकासखंडों में आजीविका मिशन द्वारा प्रवेश किये गये कुल 1145 ग्रामों में से 954 ग्रामों में गठित 6445 स्व सहायता समूहों से जुड़े हुये कुल 77340 सदस्यों को अभी तक कोविड बचाव एवं रोकथाम हेतु प्रशिक्षण प्रदाय किया जा चुका है। जिला स्तर से समस्त ग्रामों में स्व सहायता समूह की दीदीयों द्वारा एक कोविड-19 की रोकथाम के लिए उत्कृष्ट भूमिका तैयार की जा रही है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रो में जनता कफ्र्यू का पालन कराये जाने हेतु ग्रामीण स्तर पर सघन अभियान चलाया जा रहा है जिसमें सभी सदस्य ‘‘अपने घरों पर रहे घर से कोई बाहर न निकलें’’ की समझाईश दी जा रही है। इन समूह की दीदीयों को जिला कार्यालय एवं विकासखंड स्तर से प्रशिक्षण प्रदाय किया गया था। उक्त चयनित सीआरपी दीदीयों द्वारा वर्तमान तक 954 ग्रामों में समूहों से जुड़ी कुल 77340 महिलाओं को कोविड-19 की रोकथाम के बारे में जागरूक किया जा चुका है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एम.एल. त्यागी ने बताया कि समूहों से जुड़ी दीदीयों द्वारा मास्क निर्माण का कार्य भी शुरू कर दिया गया है, जिन्हें मनरेगा योजना में कार्य कर रहे मजदूरों को उपलब्ध कराने के लिए संबंधित जनपद पंचायतों की मांग अनुसार तैयार किया जाकर प्रदाय किया जा रहा है।
आजीविका समूहों की महिलाएं कर रहीं ग्रामीणों को जागरूक
Advertisements
Advertisements