अनुभूति कार्यक्रम में बच्चों को करवाया वन भ्रमण, दिखाई रंग-बिरंगी तितलियां।
सारणी। वन विभाग एवं इको पर्यटन बोर्ड द्वारा प्रति वर्ष अनुसार इस वर्ष भी अनुभूति कार्यक्रम का आयोजन मध्यप्रदेश में किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को वनों, वन्य प्राणियों की जानकारी दी जाती है साथ ही उनके संरक्षण का महत्व बताया जाता है। इसी संबंध में सारनी रेंज में शुक्रवार को राजडोह रोपणी में अनुभूति कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें वन परिक्षेत्र सारनी के अंतर्गत आने वाले विद्यालयों के 120 विद्यार्थियों ने भाग लिया। आयोजन में उप वनमंडल अधिकारी विजय मोरे, मास्टर ट्रेनर भगवत राव बोहरपी, जैवविविधता विशेषज्ञ आदिल खान,
पर्यावरणविद दीपक प्रसाद व वन परिक्षेत्र सारनी का स्टाफ मौजूद रहा। कार्यक्रम सुबह 7 बजे से शुरू हुआ जो शाम को 5 बजे तक चला, इस बीच विद्यार्थियों को अनुभूति पुस्तिका वितरित की गई । इसके बाद सुबह विद्यार्थियों को राजडोह रोपणी से जंगल ले जाया गया, जंगल में भ्रमण के दौरान मास्टर ट्रेनर बौहरपी द्वारा विभिन्न पेड़-पौधों के संबंध में जानकारी छात्र-छात्राओं को दी गई ।जैवविविधता विशेषज्ञ आदिल खान के माध्यम से विद्यार्थियों को जंगल में तितलियां व पक्षी दिखाएं गए एवं उन के संबंध में जानकारी दी गई, इसी के साथ जंगल में आग लगने से होने वाले नुकसानों के बारे में भी छात्र-छात्राओं को बताया और मृदा अपरदन के संबंध में जानकारी देने के साथ ही यह भी बताया कि मृदा अपरदन को कैसे रोका जा सकता है।
वहीं जंगल भ्रमण के दौरान उप वन मंडल अधिकारी विजय मोरे के माध्यम से गिद्धों के विलुप्त होने एवं वन विभाग द्वारा गिद्धों के संरक्षण के लिए किए जा रहे कामों के बारे में विद्यार्थियों को जानकारी दी।
जंगल भ्रमण के दौरान छात्र-छात्राओं में उत्साह देखने को मिला, पर्यावरणविद दीपक प्रसाद के माध्यम से जल संरक्षण और उसके महत्व को लेकर भी विद्यार्थियों को जानकारी दी गई। राजडोह रोपणी में लौटने के बाद बच्चों ने जंगल भ्रमण का अनुभव साझा करते हुए बताया की जंगल में उन्हें रंग बिरंगी तितलियां देखकर बहुत अच्छा महसूस हुआ । इसके बाद विद्यार्थियों को भोजन करवाया गया और फिर जैवविविधता विशेषज्ञ आदिल खान के माध्यम से सांपों के संबंध में विद्यार्थियों को जानकारी देते हुए, सांपों के संरक्षण का महत्व भी बताया और बाघ, तेंदुए इत्यादि वन्य प्राणियों की जानकारी भी अनुभूति कार्यक्रम में मौजूद विद्यार्थियों को दी। आदिल ने बताया कि तोता पालना और बंदरों को खाना खिलाना भी अपराध की श्रेणी में आता है,
बंदरों को खाना देने पर वे प्रकृति से निर्भरता छोड़कर मनुष्य पर निर्भर हो जाते हैं, इस बात को जानने के बाद बच्चों ने कहा कि वे अब लोगों को बंदरों को खाना खिलाने से रोकेंगे और उन्हें इस संबंध में जागरूक भी करेंगे। कार्यक्रम के अंत में वन एवं वन्य प्राणी से संबंधित रोचक गतिविधियां एवं प्रतियोगिता आयोजित की गई एवं विजेताओं को पुरस्कार भी वितरित किए गए। विद्यार्थियों को पर्यावरण एवं वन्य प्राणी संरक्षण हेतु उपवन मंडल अधिकारी विजय मोरे के माध्यम से शपथ भी दिलाई गई जिसके बाद कार्यक्रम का समापन किया गया।